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अगर आपको भी है माइग्रेन की दिकक्त तो आज ही फॉलो करें ये टिप्स, मिलेगी काफी राहत

माइग्रेन, सिरदर्द का एक विशेष प्रकार है जो आम सिरदर्द से बहुत अलग होता है। इसे अर्ध-कपाल दर्द या सिर के एक हिस्से में होने वाला दर्द भी कहा जाता है। माइग्रेन के लक्षण हर किसी में एक जैसे नहीं होते हैं, और यह बचाव और उपचार के मामले में भी व्यक्ति के अनुसार बदल सकते हैं।

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माइग्रेन एक परेशानी और तकलीफ़देह स्थिति हो सकती है, लेकिन उपचार और उपायों का पालन करके, आप इसे कम कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं। अगर आपको अक्सर माइग्रेन होता है, तो एक डॉक्टर से सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है, ताकि उपयुक्त उपचार का पता लगाया जा सके।

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माइग्रेन के लक्षण:

  1. सिर के एक तरफ दर्द: सामान्यत: माइग्रेन के दर्द एक तरफ होता है, जो आमतौर पर बाएं या दाएं आँख के पास महसूस होता है।
  2. ऑरा: माइग्रेन के पहले दर्द के साथ, आपको ऑरा नामक एक लक्षण का सामना कर सकता है। इसमें असामान्य विजन, काले बिंदु, लहरदार रेखाएं और आंखों के सामने गोला आदि दिखाई देते हैं।
  3. अतिसार: कुछ लोगों को माइग्रेन के साथ उल्टी आने की समस्या होती है।
  4. संवेदनाओं की बदलती प्रकृति: माइग्रेन के दौरान, धूप, तेज बिजली की रौशनी, और जोरदार ध्वनि से संवेदनाएं बदल सकती हैं।
  5. अन्य लक्षण: माइग्रेन के दर्द के साथ, धुंधलापन, हाथ-पैरों में कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
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माइग्रेन के कारण:

माइग्रेन के सटीक वैज्ञानिक कारणों का पता अभी तक पूरी तरह से नहीं चला है, लेकिन कुछ विशेष कारणों के साथ जुड़ा होता है।

  1. जेनेटिक: ज्यादातर माइग्रेन के मामले परिवारिक रूप से संबंधित होते हैं, जिससे सुझाव मिलता है कि यह जेनेटिक कारणों पर आधारित हो सकता है।
  2. न्यूरोलॉजिकल: माइग्रेन का संबंध न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं से हो सकता है, जैसे कि मस्तिष्क की शिराओं की आंदोलन और रक्त प्रवाह में परिवर्तन।

माइग्रेन के बचाव के उपाय:

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आहार: लंबे समय तक भूखे न रहने के बजाय नियमित खानपान का पालन करें। अधिक अंधकार और चमकदार बिजली की रौशनी से बचें।

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नींद: पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद की कमी माइग्रेन को बढ़ा सकती है।

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मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन जैसी तकनीकों का सहायता लें।

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पानी: पर्याप्त पानी पीने का सही तरीका रखें, क्योंकि शरीर में पानी की कमी माइग्रेन को बढ़ा सकती है।

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योग और व्यायाम: योग और व्यायाम को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाने से माइग्रेन को कम किया जा सकता है।

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