नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना या डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) भारत में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और देश में दूध उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है।
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योजना के प्रमुख उद्देश्य:
- डेयरी फार्म स्थापित करना: नई डेयरी इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- डेयरी फार्म का विस्तार: मौजूदा डेयरी फार्मों का आधुनिकीकरण और विस्तार करना।
- दूध उत्पादन बढ़ाना: देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना और दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- रोजगार सृजन: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना।
- दूध उत्पादकों की आय बढ़ाना: दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि करना।
इस योजना के तहत लोन
- ऋण राशि डेयरी फार्म के आकार और प्रकार पर निर्भर करती है।
- अधिकतम ऋण राशि ₹ 25 करोड़ तक है।
- ऋण की अवधि 5 से 10 वर्ष तक है।
- ब्याज दरें बैंक द्वारा निर्धारित की जाती हैं, जो वर्तमान में 9% से 12% प्रति वर्ष के बीच हैं।
योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं:
- ऋण: डेयरी फार्म स्थापित करने और विस्तार करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण।
- सब्सिडी: कुछ मामलों में, सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।
- तकनीकी सहायता: डेयरी फार्मिंग से संबंधित तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण।
- बाजार उपलब्ध कराना: दूध उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने में मदद।
योजना के लिए पात्रता:
- व्यक्ति: कोई भी व्यक्ति जो डेयरी फार्म स्थापित करना चाहता है।
- किसान: व्यक्तिगत किसान या किसान समूह।
- डेयरी सहकारी समितियां: डेयरी सहकारी समितियां।
- उद्यमी: डेयरी उद्यमी।
आवेदन कैसे करें:
आप अपने नजदीकी नाबार्ड शाखा या किसी भी वाणिज्यिक बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
- आवेदक नाबार्ड की वेबसाइट से या अपनी नजदीकी नाबार्ड शाखा से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
- भरे हुए आवेदन पत्र को आवश्यक दस्तावेजों के साथ नाबार्ड की शाखा में जमा करना होगा।
- बैंक ऋण आवेदन का मूल्यांकन करेगा और उसके अनुसार ऋण स्वीकृत या अस्वीकार करेगा।
- इसकी अधिक जानकारी के लिए आप नाबार्ड की वेबसाइट https://www.nabard.org/ पर जा सकते हैं।