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Best Wheat Variety: गेहूं की नई किस्म WH 1270 देगी अत्यधिक पैदावार, एक बार बोवोगे और बार आएगी याद

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Best Wheat Variety: गेहूं की नई किस्म WH 1270 देगी अत्यधिक पैदावार, एक बार बोवोगे और बार आएगी याद, भारतीय कृषि में गेहूं का एक विशेष स्थान है, और किसानों के लिए उच्च उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्में हमेशा से ही प्राथमिकता रही हैं। ऐसे में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित गेहूं की WH 1270 किस्म उत्तर-पश्चिमी भारत के भारी सिंचित क्षेत्रों में विशेष रूप से अनुकूल मानी जा रही है। यह किस्म न केवल जल्दी बुवाई के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसके अनेक अन्य लाभ भी हैं जो इसे किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाते हैं।

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प्रमुख विशेषताएँ: उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता

WH 1270 की प्रमुख विशेषताओं में इसकी भारी मिट्टी में उच्च उपज देने की क्षमता शामिल है। इसके अलावा, इसका बालियों का निकलने का समय 100 दिन और फसल की परिपक्वता 156 दिन में होती है, जो इसे समय की दृष्टि से भी प्रभावी बनाता है। इसकी औसत पौधे की ऊंचाई 100 सेंटीमीटर होती है, जिससे यह खेत में मजबूती के साथ खड़ी रहती है। 1000 दानों का वजन 46 ग्राम होता है, जो इसके भारी और पौष्टिक होने का प्रमाण है। इसके अलावा, इसका प्रोटीन सामग्री 12.4% है, जो इसे पौष्टिकता की दृष्टि से भी बेहतर बनाता है।

इस किस्म की एक और खासियत है कि यह पीला, भूरा और काला रतुआ जैसे आम रोगों के प्रति पूरी तरह से प्रतिरोधक है। इस रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण यह किसानों को फसल सुरक्षा के लिहाज से राहत प्रदान करती है।

बुवाई का समय और बीज की मात्रा

WH 1270 की बुवाई का सबसे अच्छा समय 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक होता है। बुवाई के समय बीज की उचित मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस किस्म के लिए 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की बीज की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है। सही मात्रा में बीज का उपयोग करने से पौधों की वृद्धि और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी होती है।

सिंचाई की जरूरतें

इस गेहूं की किस्म के लिए सही समय पर सिंचाई करना बहुत महत्वपूर्ण है। 5 से 6 सिंचाइयों की जरूरत होती है, जिसमें:

  • पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद की जाती है।
  • दूसरी सिंचाई 40-45 दिन बाद।
  • तीसरी सिंचाई 60-65 दिन बाद और
  • चौथी सिंचाई 90-95 दिन बाद की जानी चाहिए।

इससे फसल को उचित नमी मिलती है और पौधे बेहतर विकास कर पाते हैं।

क्षेत्र की अनुकूलता

WH 1270 किस्म खासतौर पर उत्तर-पश्चिम भारत के सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसकी बेहतर पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण यह क्षेत्र के किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो रही है। यह किस्म रासायनिक खेती के लिए भी अनुकूल है, और अधिक उर्वरकों के प्रयोग से इसकी पैदावार में और भी वृद्धि की जा सकती है।

निष्कर्ष

WH 1270 गेहूं की किस्म खेती के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, बेहतर पैदावार और कम समय में परिपक्व होने की विशेषताएं इसे किसानों के लिए आदर्श बनाती हैं। यदि किसान इसकी बुवाई और देखभाल में कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेते हैं, तो वे इस किस्म से उत्कृष्ट पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

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