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20 बीघा की जमीन से छाप दिए 24 लाख रुपये, देखिये कैसे अंजीर की खेती ने किसान को किया मालामाल

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20 बीघा की जमीन से छाप दिए 24 लाख रुपये, देखिये कैसे अंजीर की खेती ने किसान को किया मालामाल जिले में एक किसान अंजीर की खेती करके बहुत पैसे कमा रहा है। वह आधुनिक तरीके से खेती करने में प्रसिद्ध है। इस किसान ने लगभग 4 साल से अंजीर की खेती की है। खेती से मिलने वाले लाभ के कारण अब वह आंवला, नींबू, और अन्य फल, सब्जी, और खाद्यान्न की खेती भी कर रहा है।

20 बीघा की जमीन से छाप दिए 24 लाख रुपये, देखिये कैसे अंजीर की खेती ने किसान को किया मालामाल

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इस किसान द्वारा की जा रही ऑर्गेनिक खेती के उदाहरण से कृषि क्षेत्र में लगातार परिवर्तन की एक अच्छी मिसाल प्रस्तुत की जा रही है। रामजीपुरा गांव, जो जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर है, में इस किसान ताराचंद लाम्बा द्वारा उन्नत खेती की जा रही है। ताराचंद लाम्बा ने 4 साल पहले 20 बीघा जमीन पर 7000 अंजीर के पेड़ लगाए थे। अब उनकी वार्षिक आय 24 लाख रुपये से भी अधिक है। इस किसान ने ऑर्गेनिक तरीके से केंचुआ खाद बनाकर और बूंद-बूंद सिंचाई करके उन्नत खेती की है।

दूसरे किसान के खेती को देख आया आईडिया

ताराचंद लाम्बा किसान ने बताया कि उन्होंने एक रिश्तेदार के घर जाकर मिलने का निश्चय किया था, और वहाँ उनके पड़ोस में एक छोटे से खेत में अंजीर के पौधे देखे थे। उन्होंने उस खेत के मालिक से बातचीत की और उनके बारे में पूछा। मालिक ने उन्हें अंजीर की खेती के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद ताराचंद लाम्बा ने इस विषय में और जानकारी इकट्ठा की।

पौधे को बेंगलुरु से मंगाया

ताराचंद लाम्बा किसान ने अंजीर की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद बेंगलुरु से 7000 हजार ग्राफ टेड हाइब्रिड बीज मंगवाए हैं। उन्होंने बताया कि ये बीज लाने में प्रति पौधे 400 रुपये का खर्चा आया है। इन बीजों को प्राप्त करने के बाद, ताराचंद ने 20 बीघा खेत में अंजीर के पौधे लगाए हैं। उन्होंने खेत में अस्थाई बाउंड्री बनाई है ताकि जानवरों को अंजीर के पौधों को कोई नुकसान ना पहुंचा सके।

देखिये कैसे होती है अंजीर की खेती

ताराचंद लामा, एक किसान, बताते हैं कि अंजीर की खेती को ऑर्गेनिक तरीके से करना चाहिए, क्योंकि इससे पैदावार में वृद्धि होती है। अंजीर के पौधे को मार्च महीने में लगाना चाहिए, ताकि नये पौधों में कम नुकसान हो। पौधों के बीच की दूरी को 9 फीट रखना चाहिए। पौधे की जड़ को 2 से 2.50 फीट नीचे गड्ढे में लगाना चाहिए। बीज और पौधों को लगाने के बाद एक साल तक पौधे को बूंद-बूंद सिंचाई करनी चाहिए और उनकी देखभाल अच्छी तरह से करनी चाहिए। एक साल बाद पौधे पर फल आना शुरू हो जाते हैं। शूटिंग जून महीने में शुरू होती है और अगस्त में पक जाती हैं। पके हुए अंजीरों को अगस्त महीने में मार्केट में बेचा जाता है। अंजीर का सीजन दिसंबर तक चलता रहता है और मार्केट में इसकी कीमत 800 से 1200 रुपये तक होती है। इस खेती में पौधे और पानी के अलावा कोई अधिक खर्च नहीं होता है।

एक बार में छाप दिए 24 लाख रुपये

किसान ताराचंद लाम्बा ने बताया कि वे एक साल की मेहनत के बाद 24 लाख रुपये की कमाई कर ली है। उन्होंने बताया कि उनकी खेती और उत्पाद की गुणवत्ता के कारण एक निजी कंपनी ने उनके सभी अंजीरों को खरीद लिया है। इस कंपनी ने उनके साथ 10 साल के एक समझौते किया है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि कंपनी उनके 7000 पौधों पर लगे हुए अंजीर के लिए हर साल 24 लाख रुपये देगी।

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