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Kheti Kisani: इस फसल की खेती कर किसान सालभर के अंदर ही बन जायेंगे लाखों के मालिक, पढ़िए पूरी जानकारी

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Kheti Kisani: इस फसल की खेती कर किसान सालभर के अंदर ही बन जायेंगे लाखों के मालिक, पढ़िए पूरी जानकारी अनार (pomegranate) एक फल है जो सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन, एंटी-ऑक्सीडेंट और खनिज की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। अनार (pomegranate) का फल खून की कमी, कब्ज की शिकायत, त्वचा की सुंदरता और स्फूर्ति प्राप्त करने में मददगार होता है। इसके छिलके का उपयोग भी आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए किया जाता है।

Kheti Kisani: इस फसल की खेती कर किसान सालभर के अंदर ही बन जायेंगे लाखों के मालिक, पढ़िए पूरी जानकारी

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कितनी होगी लागत और आमदनी

अनार (pomegranate) की खेती एक एकमुश्त निवेश तकनीक के रूप में मानी जाती है, जिसमें एक बार बाग लगाने के बाद सिर्फ एक बार खर्च होता है। तीसरे साल से ही पेड़ पर फल लगना शुरू हो जाता है। एक ही पेड़ से करीब 60-80 फलों की खेत पहली उपज से मिल जाती है। जैविक खाद और उर्वरकों का उपयोग करने से हर साल लागत में 20% तक की बचत की जा सकती है। जैविक तरीके से अनार के बाग लगाने पर कीटनाशक की खर्च भी कम होता है। इसी कारण से अनार के बागों को “खेती में पैसा छापने की मशीन” भी कहा जाता है। अनार (pomegranate) एक ऐसा फल है जिसे कम पानी वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। किसान अनार की खेती से कम लागत में भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

यहाँ देखिये अनार की उन्नत किस्में

अरक्ता – बहुत उपज देने वाली प्रजाति है। इसके फल बड़े और मीठे होते हैं। इसके दाने आकर्षक होते हैं। एक पेड़ से 30 से 32 किलो अनार की उपज होती है।

भगवा – इसके फल बड़े, चिकने और केसरी रंग के होते हैं। इसके दाने रसदार, मुलायम और मीठे होते हैं। एक पेड़ अच्छी देखभाल पर 35 से 45 किलो तक फल देता है।

गणेश – इसके फल मध्यम आकार के होते हैं और उनके बीज हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।

Kheti Kisani: इस फसल की खेती कर किसान सालभर के अंदर ही बन जायेंगे लाखों के मालिक, पढ़िए पूरी जानकारी

बागों की तैयारी

अनार के बाग को तैयार करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

खेत में गहरी जुताई करें और बाग में धूप की तेज तपिश को पदने दें।
बाग में 60 सेंटीमीटर की लंबाई, चौड़ाई और गहराई वाले गड्ढे खोदें और इनमें सौरीकरण करें।
प्रत्येक गड्ढे में 25 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद, सुपर फॉस्फेट 250 ग्राम, क्यूनाल्फोस 1.5% 50 ग्राम, और नीम की खली 2 किलोग्राम को मिट्टी के साथ भरें।
गड्ढों को भरने के बाद हल्की सिंचाई करें और अनार के पौधों की रोपाई करें।
अनार के पौधे वर्ष में दो बार लगा सकते हैं। आप अनार की खेती को फरवरी और मार्च में पहली फसल के रूप में शुरू कर सकते हैं और दूसरी फसल को जुलाई और अगस्त में लगा सकते हैं।

खेती के उपयोगी मिटटी और सिंचाई व्यवस्था

अनार के बागों में सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि प्री-मानसून और बारिश के मौसम में बागों को प्राकृतिक तरीके से पोषण मिल जाता है। लेकिन, कम वर्षा होने पर 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जरूरत हो सकती है। अनार के बागों के लिए टपक सिंचाई विधि सबसे अच्छी मानी जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टपक सिंचाई विधि से 45% तक पानी की बचत और 40% तक उपज में वृद्धि देखी गई है।

आमतौर पर, अनार का पौधा लगभग किसी भी प्रकार की मिट्टी में विकसित हो जाता है, लेकिन रेतीली या हल्की मिट्टी में विकसित होने पर उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले फल प्राप्त होते हैं। अनार की खेती के लिए, 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली क्षारीय मिट्टी का उपयोग करें, क्योंकि इस तरह की मिट्टी में अनार की अच्छी उपज होती है।

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