मनरेगा मामले में सीईओ और एई की होगी विभागीय जांच
Betul News – बैतूल – जिले के भीमपुर जनपद पंचायत में मनरेगा योजना में बड़ी अनियमितता सामने आई है। इस मामले में जनपद पंचायत भीमपुर में पदस्थ सहायक लेखा अधिकारी की सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं जनपद पंचायत भीमपुर की सीईओ और एई के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा रही है।
मनरेगा में हुई अनियमितता को लेकर जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा ने साफ शब्दों में कहा कि इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
एक नजर में पूरा मामला | Betul News
भीमपुर जनपद पंचायत की पांच ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत 20 लाख 69 हजार 346 रुपए का भुगतान किया गया है। उपयंत्री के मूल्यांकन और सहायक यंत्री के सत्यापन के बिना ही सचिव की मिलीभगत से भुगतान करा दिया गया है। ग्राम पंचायत रतनपुर में 23 भुगतान, ग्राम पंचायत मोहटा में 10 भुगतान, ग्राम पंचायत उत्ती में 15 भुगतान, इसके अलावा ग्राम पंचायत चांदू और कामोद में कुल मिलाकर 20 लाख 69 हजार 346 रुपए का भुगतान किया गया।
नियम से भुगतान के पहले किए गए कार्यों का मूल्यांकन और सत्यापन किया जाना था जो नहीं किया गया। इस मामले में जनपद पंचायत भीमपुर की सीईओ कंचना वास्कले ने सहायक लेखा अधिकारी गोविंद सिंह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
भुगतान प्रोसेस की कराई जा रही जांच: जिपं. सीईओ | Betul News
इस पूरे मामले में जिला पंचायत के सीईओ अभिलाष मिश्रा ने सांध्य दैनिक खबरवाणी से चर्चा में बताया कि जनपद सीईओ और एई की विभागीय जांच करवाई जाएगी। इसके साथ ही सहायक लेखाधिकारी की सेवाएं समाप्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में किए गए भुगतान को लेकर जांच कराई जा रही है।
यदि जांच में भुगतान गलत तरीके से होना पाया गया तो निश्चित रूप से नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। हालांकि प्रथम दृष्टया बिना सत्यापन के भुगतान होना प्रतीत हो रहा है जो कि नियमानुसार गलत है।
ग्रामीण अंचलों में होने लगे गुणवत्तापूर्वक कार्य | Betul News
जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा की जब से जिले में पदस्थापना हुई है। उन्होंने वित्तीय अनियमितता करने वालों पर अपना शिकंजा कसना ना सिर्फ प्रारंभ कर दिया है बल्कि वसूली भी करवाई जा रही है। यही वजह है कि अब ग्रामीण अंचलों में शासन की योजनाओं की राशि से किए जाने वाले कार्य जहां गुणवत्तापूर्ण होने लगे हंै वहीं योजना में भ्रष्टाचार करने से भी जिम्मेदार डरने लगे हैं।
इसके पीछे सबसे मुख्य कारण जिला पंचायत सीईओ श्री मिश्रा द्वारा शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करना है। श्री मिश्रा की कार्यवाही से वित्तीय अनियमितता करने वालों और इसमें संलिप्तों में हडक़म्प मचा हुआ है।