सुबह से दोपहर तक खाली पड़ी रही शिविर की कुर्सियां, प्रचार-प्रसार के अभाव में अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शिविर
Ayush Vibhag – झल्लार(विक्की आर्य) – प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत आयुष विभाग के माध्यम से मेगा शिविर का आयोजन ग्राम झल्लार में किया गया था लेकिन इस शिविर का प्रचार-प्रसार नहीं होने से पूरा शिविर ही अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। यहां पर सुबह से लेकर दोपहर तक कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी। इसके बाद खानापूर्ति करने के लिए बाजार में आए ग्रामीणों को शिविर में ले जाया गया और उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाईयां वितरित करने का रस्म अदाएगी की गई।
दोपहर तक नहीं था मरीज | Ayush Vibhag
एक तरफ जहां मध्यप्रदेश शासन एवं प्रशासन आम लोगों तक अनेक जनकल्याणकारी योजना चला रही है एवं सूचना प्रकाशित करते हुए नजर आती है जैसे की विकास यात्रा मैं अनेकों जन कल्याणकारी योजना का उल्लेख किया गया है।
परंतु झल्लार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इसका उल्टा ही नियम चला रहे हैं जैसे कि खबर लिखते समय तक करीब एक बजे तक पूरी चेयर एवं मरीज कोई नही नजर आया। स्वास्थ्य विभाग में आने वाले मरीजों से पूछने पर उन्होंने बताया कि हमें इस शिविर के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

प्रचार-प्रसार नहीं होने से फ्लाप हुआ शिविर | Ayush Vibhag
एक तरफ देखा जाए तो मरीजों की संख्या जीरो और वीआईपी गाडिय़ां करीब वहां पर 8 से 10 खड़ी हुई थी। झल्लार मेगा शिविर के प्रभारी से पूछने पर बताया कि ग्राम पंचायत झल्लार के सरपंच को इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी।
प्रश्न यह है कि क्या ग्राम पंचायत झल्लार से ही पूरा स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है? क्या दूसरे कोई पंचायत एवं दूसरे अन्य कोई गांव के यहां पर मरीज नहीं आते हैं जो उन्होंने सरपंच का हवाला देते हुए जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली।
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इससे तो यहां साबित हो रहा है की मेगा शिविर के नाम पर केवल 5 डॉक्टर और 12 मरीज के साथ फोटो खींचकर इस मेगा शिविर का सरकारी वेबसाइट पर फोटो अपलोड कर वाहवाही लूटने का कोई मकसद है। दूसरी बात यहां है इतने बड़े शिविर की जानकारी बैतूल जनसंपर्क कार्यालय से फेसबुक ट्विटर एवं अन्य पदों पर इसकी जानकारी दी जा रही है। मगर झल्लार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस खबर की धज्जियां उड़ा रहा है ख़बर लिखे जाने तक मेघा शिविर में कोई मरीज मौजूद नहीं था।