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अब स्कूलों में लगेगी पैरंट्स की भी क्लास, नई शिक्षा नीति के तहत जाने क्या होगा पेरेंट्स का रोल

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCF-2023) का प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा में ले जा सकता है, जो लगभग 36 साल से स्थिर रूप से चल रही है। NCF-2023 में यह तय किया गया है कि बच्चे कक्षा 1 से 12 तक कैसे पढ़ेंगे, क्या सीखेंगे, कैसे सीखेंगे, और विद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों के बारे में भी विचार किए गए हैं। इसमें छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन कैसे होगा और छात्रों के सामाजिक समृद्धि के लिए माता-पिता और अभिभावकों को कैसे योगदान देना चाहिए, इसका भी प्रावधान किया गया है।

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पेरेंट्स को देना होगा बच्चो की शिक्षा पर ध्यान

NCF-2023 के अनुसार, बच्चों के समग्र विकास के लिए माता-पिता और अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अनुसार, पेरेंट्स को अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति सक्रिय रूप से भागीदार बनना होगा, उनके घरों में शिक्षा के लिए बेहतर माहौल कैसे बनाएं और स्कूलों के साथ मिलकर बच्चों के विकास के लिए क्या करना चाहिए, इस पर ध्यान देना होगा।

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ओरिएंटेशन क्लास या मीटिंग होगी आयोजित

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCF) 2023 के अनुसार, स्कूलों को बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों के साथ ओरिएंटेशन क्लास या मीटिंग आयोजित करना होगा। इस मीटिंग में पेरेंट्स को यह समझाया जाएगा कि घरों में बच्चों की पढ़ाई के लिए कैसे माहौल बनाया जाए और स्कूलों के साथ मिलकर बच्चों के विकास के लिए क्या करना चाहिए। इसके साथ ही, बच्चों के शिक्षा के प्रति भी ध्यान दिया जाएगा, जो उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

बच्चों के घरों पर बांया जाएगा माहौल

NCF-2023 में लिखा है कि बच्चों की अधिक समग्र शिक्षा और पालन-पोषण के लिए माता-पिता और समुदाय की भागीदारी जरूरी है, और इसके लिए उन्हें स्कूल प्रबंधन समितियों में भागीदार बनाना चाहिए। शिक्षा में माता-पिता और समुदायों की भागीदारी का महत्व होता है, क्योंकि बच्चे स्कूल के बाद अक्सर अपने घर, परिवार और मोहल्ले में समय बिताते हैं। इसलिए, यदि उनका माहौल सही नहीं होता, तो स्कूल की पढ़ाई पर भी असर पड़ सकता है।

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इस प्रस्ताव के द्वारा बच्चों की शिक्षा में होगी वृद्धि

नई शिक्षा नीति के अनुसार, स्कूलों को बच्चों के माता-पिता और समुदाय की सहयोगिता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उनका साथी योगदान बना रहे। इसके माध्यम से, बच्चों की शिक्षा को एक समृद्ध और सहयोगी दृष्टिकोण से देखा जा सकता है, और उनके समग्र विकास को समर्थन दिया जा सकता है।

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