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Ration Card Rules: राशन कार्ड धारकों के लिए फिर बुरी खबर लिस्ट से कट जाएगा आपका नाम,जान‍िए क्यों?

राशन कार्ड नियम: यूपी सरकार ने राज्य में राशन कार्ड रद्द करने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है। यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अपात्र लोगों के नाम राशन कार्ड की लिस्ट से काट लिए जाएंगे.

राशन कार्ड नियम: मई महीने में उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड धारकों के कार्ड सरेंडर करने की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। इसमें दावा किया जा रहा था कि अपात्र राशन कार्ड धारकों को तहसील में जाकर राशन कार्ड सरेंडर करना होगा। नहीं तो सरकार उनके कार्ड रद्द कर अब तक प्राप्त राशन की वसूली करेगी। हालांकि बाद में सरकार की ओर से इस पर सफाई दी गई और बताया गया कि यूपी सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है.

इस कारण नए राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं
लेकिन अब यूपी सरकार ने राज्य में राशन कार्ड रद्द करने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार अपात्र लोगों के नाम राशन कार्ड की सूची से काटे जाएंगे और अब केवल जरूरतमंदों को ही मुफ्त राशन का लाभ मिलेगा. इसकी शुरुआत यूपी के अलग-अलग जिलों से हो चुकी है. दरअसल, 2011 की जनगणना के मुताबिक सरकार का राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा हो गया है. ऐसे में नए राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।

2011 की तुलना में 2022 में शहरी आबादी दोगुनी हो गई
यदि नए लोग राशन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो जांच में अपात्र पाए गए लोगों का राशन कार्ड रद्द किया जा रहा है। अपात्र लोगों के निरस्त कार्ड के स्थान पर नए जरूरतमंदों को राशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। 2011 के जनसंख्या अनुपात के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़े जा रहे हैं। आपको बता दें कि साल 2011 की तुलना में 2022 में शहर की आबादी दोगुनी हो गई है।

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कोरोनो के कारण 2021 में नहीं हुई जनगणना
कोरोना के मामले बढ़ने के कारण 2021 की जनगणना नहीं हो सकी। ऐसे में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए जनसंख्या अनुपात को बढ़ाना आवश्यक हो गया है। इसके आधार पर शहरी गरीबों को योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे में प्रदेश के जिला आपूर्ति कार्यालय एवं तहसील स्तरीय आपूर्ति कार्यालय में आने वाले नये राशन कार्ड आवेदन जमा किये जाते हैं. उसके बाद जांच के आधार पर अपात्रों के राशन कार्ड रद्द कर उनके स्थान पर पात्र के राशन कार्ड बनाए जाते हैं।

इसके लिए अपात्रों को महीनों इंतजार करना पड़ता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि के आधार पर 2011 का लक्ष्य बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसलिए नए राशन कार्ड बनाने का काम रोक दिया गया है।

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