अजवाइन की खेती: अजवाइन की खेती आपको कर देगी मालामाल, कुछ ही दिनों बन जाओगे करोड़पति! दुनिया भर में अपने जायके से सब्जियों का स्वाद बढ़ने वाले मसाले भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मसालों का अपना एक अलग ही विशेष स्थान है, आपको हर घर में मसालों का अपना एक अलग महत्वपूर्ण स्थान देखने को मिलेगा. खास कर भारत के हर रसोई घर में मसाले अपना जायके के लिए एक अलग स्थान रखते हैं. साथ ही इन मसालों का आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
हर सब्जी को अपने जायके से उम्दा बनाता है अजवाइन
इन्ही बेहतरीन मसालों में से एक मसाला है अजवाइन जो अपने जायके को सदियों से बरकरार रखने वाला मसाला है, जो लगभग हर सब्जी में उपयोग किया जाता है को जायके को और उम्दा बना देती है.महान आयुर्वेदाचार्य की माने तो अजवाइन का पुरातन काल से आयुर्वेद में अपना एक अलग स्थान रहा है. पुराने समय से ही इसे दवा बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है. इसलिए इसकी मांग हर समय बनी रहती है.
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अब भारत में भी हो रही अजवाइन की खेती

अब भारत के किसान भी कर रहे है अजवाइन की खेती, पहले अमेरिका, मिस्र, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशो में की जाती थी अजवाइन की खेती, अजवाइन महंगी होने के कारण किसानों को इससे काफी मुनाफा हो रहा है. वैसे तो अजवाइन की खेती राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और झालवाड़ा जिले में बड़े पैमाने पर की जाती है, साथ ही अब भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और बांसवाड़ा जिला भी अजवाइन पैदावार के लिए गढ़ माने जाते हैं.
अजवाइन की खेती के लिए गर्मी का मौसम उपयुक्त नहीं
लम्बे समय से अजवाइन की खेत कर रहे हरदोई निवासी किसान रविंद्र ने बताया कि वह अजवाइन की खेती काफी लम्बे समय से कर रहे हैं. अजवाइन की खेती के लिए गर्मी का मौसम सही नहीं होता है. ठण्ड के मौसम में खेतों में नमी रहने के कारण ज्यादा सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. और साथ ही वह अजवाइन की खेती से लाखो का मुनाफा भी कमा रहे है।
अजवाइन की खेती आपको कर देगी मालामाल, कुछ ही दिनों बन जाओगे करोड़पति!
160 दिनों में तैयार होती है फसल

किसान रविंद्र के अनुसार अजवाइन की फसल देर से पकने वाली फसल है इसको पकने में करीब 160 दिन तक पककर तैयार होती है. अजवाइन के पौधे की ऊंचाई 110 सेंटीमीटर के लगभग होती है. अजवाइन की खेती से करीब 15 कुंटल तक प्रति हेक्टेयर पैदावार निकाली जा सकती है. किसान ने बताया कि 15000 रुपये कुंटल अजवाइन का रेट हमेशा रहता है. यह समय-समय पर मौसम के हिसाब से घटता- बढ़ता रहता है. अजवाइन की खेती ज्यादा पैसा देने वाली खेती में से एक है.
अच्छी पैदावार के लिए डालें यह जरुरी चीजे
अजवाइन की फसल के अच्छे उत्पादक के लिए हरदोई उद्यान के अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया की खेत तैयार करने के पहले उसे 15 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद डालते हुए मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लिया जाता है. एक हेक्टेयर में 45 किलोग्राम नाइट्रोजन और 45 किलोग्राम फास्फोरस खेत में डाली जाती है साथ ही आवश्यकता अनुसार पोटाश भी डाला जाता है
एक हेक्टेयर में मात्र 5 किलोग्राम बीज बोये जाते है

अजवाइन की खेती करने वाले किसानो ने बताया की एक हेक्टेयर में करीब 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. पौधों से पौधों की दूरी करीब 30 सेंटीमीटर और पंक्ति से पंच की दूरी 40 सेंटीमीटर उपयुक्त मानी जाती है. इसके बीजों को मिट्टी से 1 सेंटीमीटर निचे दबा दिया जाता है।
पेट से जुडी समस्याओ के लिए लाभदायक है अजवाइन
आयुर्वेद की मुख्य अधिकारी आशा रावत ने बताया कि अजवाइन पेट की कई बीमारियों के लिए काफी कारगर होती है . यह वजन घटाने में मददगार होती है. अजवाइन के सेवन से सर्दी, जुखाम, खांसी, गठिया, मसूड़ों की सूजन और पीरियड के दर्द में राहत मिलती है. साथ ही मुहांसों आदि के लिए यह रामबाण औषधि है. साथ ही कब्ज के लिए भी असरदार है अजवाइन।