अनार की ये टॉप उन्नत किस्मे तोड़ेंगी सारे रिकॉर्ड, एक एकड़ में होगा 40 से 50 क्विंटल तक का उत्पादन, हो जायेंगे मालामाल अभी के समय में किसान पारम्परिक खेती छोड़ कर उन्नत खेती और बागवानी पर ध्यान दे रहे है ऐसे में आप अनार की उन्नत किस्मो की खेती कर लाभ ले सकते है।
इन क्षेत्रो में की जाती है अनार की खेती
आपकी जानकारी के लिए बतादे अनार की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और व्यावसायिक बागवानी में की जाती है. अनार के कुल उत्पादन की 70 फीसदी मांग देश में है ,अनार की अधिकतम पैदावार और लाभ के लिए इन उन्नत किस्मो की खेती कर सकते है। चलिए आपको बताते है अनार की कुछ खास किस्मो के बारे में
गणेश अनार किस्म (Ganesh Pomegranate Variety)
गणेश-अनार सबसे पुरानी किस्म है. इसे साल 1936 में महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ राहुरी द्वारा विकसित किया गया था. अनार की गणेश किस्म महाराष्ट्र में व्यापक रूप से लगाई जाती है. महाराष्ट्र की जलवायु के अनुसार यह किस्म वहां अधिक पैदावार देती है. इस किस्म के फल आकार में ज्यादा बड़े नहीं होते हैं और इसके बीज मुलायम और गुलाबी रंग के होते हैं.
सिंदूरी अनार किस्म (Sindoori Pomegranate Variety)
भारत में अनार की प्रमुख किस्म है सिंदूरी. इसके फल बड़े आकार के चमकदार होते हैं. लाल छिलका, मोटा छिलका, मोटे लाल दाने, मीठे और मुलायम बीज वाले होते हैं, फूल खिलने के बाद 170 से 180 दिनों में फल पक जाते हैं. इसके प्रति पौधे से 100 किलों तक उपज मिल जाती है.
ज्योति अनार किस्म (Jyoti Pomegranate Variety)
ज्योति य़ूएस धारवाड कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 1985 विकसित किस्म है. अनार की इस किस्म का फल मध्यम आकार का होता है और इसके बीज लाल रंग के होते हैं. ये किस्म प्रति पेड़ लगभग 10 से 12 किलोग्राम उपज देती है.
फुले भगवा अनार किस्म (Phule Bhagwa Pomegranate Variety)
महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ राहुरी साल 2013 में विकसित किया था. बड़े आकार, भगवा और चमकीले फूल वाली भगवा किस्म 180 से 190 दिन में पक जाती है इसके एक पेड़ से औसत 25 से 30 किलो फल लग जाते हैं.
पांच से छह महीने बाद अनार के फल पककर हो जाते तैयार
आपको बता दे की अनार के पौधे को रोपने के 3 से 4 साल बाद फल देना शुरू कर देता है. अनार के फूल खिलने के बाद किस्म के अनुसार पांच से छह महीने बाद अनार के फल पककर तैयार हो जाते हैं.अनार में साल भर फूल आते रहते हैं. लेकिन साल में तीन बार फल लेते हैं. अम्बे बहार, में जनवरी से फरवरी मृग बहार में जून से जुलाई, हस्त बहार में सितम्बर से अक्टूबर में फूल आते हैं. इनके पौधों से अच्छी फलत 5 से 6 साल बाद मिलने लगती है. एक विकसित पेड़ से 15 से लेकर 30 किलों फल उत्पादन लिया जा सकता है. अनार की बागवानी से 25 से 30 साल तक उपज ली जा सकती है।
जानिए कितनी कर सकते अनार की खेती से कमाई
कमाई की बात करे तो एक एकड़ खेत में अनार की पैदावार 40 से 50 क्विंटल होती है, इसलिए किसान अनार बागवानी से 2 से 3 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं. सही किस्म का चुनाव और रखरखाव के साथ अगर ज्यादा बड़ी जगह बागवानी करेंगे, तो कमाई उसी अनुपात में बढ़ जाएगी।