इन दिनों बैंगलोर का एक वीडियो काफी वायरल ह रहा है जहा पर हमें सड़कों पर चलती ड्राईवरलेस कार दिखाई दे रही है जिसे देख कर बहुत से लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं क्योकि उन्हें कोई इंसान इस वाहन को कंट्रोल करता दिखाई नहीं दे रहा है ।वां के देखकर तो यह मालुम होता है कि यह बहुत ही फ्यूचरिस्टिक डिजाईन के साथ आती है और जहां से भी गुजर रही है, वहां के लोगों को ध्यान खींच रही है। सामने आये वीडियो को अनिरुद्ध रविशंकर नामक यूजर ने ट्विटर पर साझा किया है और इसका कैप्शन दिया है “बैंगलोर की गलियों में।”
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बैंगलोर के स्टार्टअप द्वारा किया गया चालु
यह वाहन बैंगलोर के स्टार्टअप माइनस जीरो द्वारा तैयार किया गया है जिसको जेडपोड कहा गया है । जेडपोड एक इलेक्ट्रिक प्रोटोटाइप वाहन है जो कैमरा-सेंसर सुइट पर आधारित है और यह एआई अल्गोरिथम के साथ मिलकर अपने आप चलती है।यह सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक के साथ आती है तथा यह बिना कोई इंसान के आसानी से सड़क पर ट्रैफिक से गुजर सकती है। माइनस जीरो वेबसाइट के अनुसार, जेडपोड बाई-डायरेक्शनल है तथा स्टीयरिंग व्हील की जरूरत नहीं पड़ती है।
यह एक तकनीक फर्म है
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माइनस जीरो ने अपनी ऑटोनोमस वाहन को इस साल जून में पेश किया था। यह जेडपोड लेवल 5 ऑटोनोमी क्षमता तक स्केल करने की क्षमता के साथ आती है तथा यह अपने आप किसी भी तरह के इलाके में जाने की क्षमता रखती है।माइनस जीरो को 2021 में स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य कंपनी को टेस्ला व गूगल की तरह ही फूली ऑटोनोमस वाहन तैयार करना है। माइनस जीरो का कहना है कि वह ऑटो निर्माता नहीं है, वह एक तकनीकी फर्म है।कंपनी ऑटोनोमस ड्राइविंग तकनीक विकसित करना चाहती है और अन्य ऑटो निर्माताओं को देगी ताकि वे अपने एडीएएस सुइट को बेहतर कर सके। जेडपोड की मदद से ट्रैफिक तथा रोड एक्सीडेंट को कम करना चाहती है। यह एक बेहतर ट्रांसपोर्ट माध्यम हो सकता है।
लाखों लीटर खर्च होता है पेट्रोल
बैंगलोर का उदाहरण देते हुए माइनस जीरो के सीओओ, ने कहा था कि, “हर दिन ट्रैफिक में 25 लाख लीटर फ्यूल प्रति घंटा वेस्ट होता है।” और सभी नुकसान को देखा जाए तो एक साल एक देश को 22 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है।
कैमरे द्वारा करता है डिटेक्ट
अन्य कई ऑटोनोमस वाहनों से अलग, जेडपोड लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग का उपयोग नहीं करता बल्कि छह कैमरे का उपयोग करता है। इसमें से चार कैमरे साइड में लगाये गये है तथा दो आगे व पीछे लगाये गये हैं।