बोर्ड परीक्षा के दौरान हो रहा मड़ई उत्सव
Betul News – बैतूल – जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास एकादमी भोपाल द्वारा बैतूल में 17 मार्च से 19 मार्च तक तीन दिवसीय मड़ई उत्सव का आयोजन किया गया है। संस्कृति विभाग से संबंधित इस आयोजन में सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। बोर्ड परीक्षा के दौरान हो रहे इस नृत्य उत्सव को लेकर आमजनों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। क्योंकि कार्यक्रम में खाली कुर्सियां भी दर्शकों को बुला रही हैं। और इस कार्यक्रम का ऐसे समय में किए जाने का औचित्य समझ नहीं आ रहा है।
इन नृत्यों की देना बताया प्रस्तुति | Betul News
तीन दिवसीय इस मड़ई उत्सव जनजातीय नृत्य उत्सव में गोंड का कर्मा सैला नृत्य, बैगा का घोड़ी पैठाई नृत्य, राठवा का दिवाली नृत्य, गोंड का गुदुमबाजा नृत्य, कोरकू का गदली थापटी नृत्य, बैगा का कर्मा, राठवा का राठ होली नृत्य, गोंड का ठाठिया नृत्य, भील का भगोरिया नृत्य, भारिया का भड़म नृत्य, ओडिसा से गोटिपुआ नृत्य एवं बैतूल क्षेत्र के नृत्य एवं गायन का आयोजन किया जाना बताया है।
गौरतलब है कि देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से नृत्य मंडलियां बैतूल पहुंची और अपनी प्रस्तुति दी। लेकिन दर्शकों के अभाव में कार्यक्रम पूरी तरह असफल हो गया। मजबूरन अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यक्रम में कुछ कुर्सियां भरनी पड़ी।
बजट को ठिकाने लगाने हुआ आयोजन | Betul News
गौरतलब है कि इस आयोजन में नृत्य मंडलियों को बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ा क्योंकि दूर-दूर से आए इन मंडलियों को सब तरह के व्यय किया गया है। इसी तरह से आयोजन के लिए टेंट, डेकोरेशन कुर्सियों पर भी बड़ी राशि खर्च हुई है।
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बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष समाप्ति के पहले बची हुई बजट राशि ठिकाने लगाने के अंतर्गत बोर्ड परीक्षा के दौरान आनन-फानन में यह आयोजन किया गया है। लोगों का कहना है कि इस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई को अधिकारी निपटाने में कसर नहीं छोड़ते हैं।
इनका कहना…
मड़ई उत्सव बैतूल में कलैंडर के आधार पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शामिल कलाकारों का मानदेय संचालनालय तय करता है। और कार्यक्रम के लिए टेंट भोपाल से आया है।