HTML tutorial

Betul News – अग्रवाल मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने किया गणगौर व्रत

By
On:
Follow Us

अखण्ड सुहाग के लिए विधि विधान के साथ किया पूजन

बैतूल। जिला मुख्यालय पर आज अग्रवाल मारवाड़ी समाज श्री राम मंदिर कोठी बाजार सामूहिक रूप से गणगौर पूजन का आयोजन किया गया वैसे तो गणगौर पूजन शहर में अलग-अलग जगह पूजा की जा रही है इसी उपलक्ष पर आज शाम बैतूल गंज श्री कृष्ण मंदिर से ईशर की और गणगौर का भव्य जुलूस निकाला जाएगा। अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मंजू गर्ग ने बताया कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इस पूजा से क्या फल प्राप्त होता है?

इसलिए किया जाता है व्रत | Betul News

हिंदू पंचाग के अनुसार 24 मार्च, शुक्रवार को गणगौर का पर्व मनाया गया।। गण के रूप में भगवान शिव और गौर के रूप में माता पार्वती की पूजा की गई। । नवरात्रि के तीसरे दिन यानि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला गणगौर का त्योहार स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य प्राप्ति का पर्व है।

महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु और लड़कियां श्रेष्ठ वर की प्राप्ति के लिए गणगौर पूजा की। गण के रूप में भगवान शिव और गौर के रूप में माता पार्वती की पूजा की गई। शाम को सूर्यास्त से पहले गणगौर को पानी पिलाने के बाद जलाशयों, तालाब, कुओं में विसर्जित की जाएगी।

सर्वप्रथम माता पार्वती ने की पूजा

ईसर-गौर यानि शिव-पार्वती की पूजा का यह पावन पर्व आपसी स्नेह और साथ की कामना से जुड़ा हुआ है। इसे शिव और गौरी की आराधना का मंगल उत्सव भी कहा जाता है। गणगौर का अर्थ है, गण और गौर। गण का तात्पर्य है शिव (ईसर) और गौर का अर्थ है पार्वती। वास्तव में गणगौर पूजन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का दिन है।

नवरात्रि के तीसरे दिन यानि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला गणगौर का त्योहार स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य प्राप्ति का पर्व है। शास्त्रों के अनुसार मां पार्वती ने भी अखण्ड सौभाग्य की कामना से कठोर तपस्या की थी और उसी तप के प्रताप से भगवान शिव को पाया। इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री जाति को सौभाग्य का वरदान दिया था। माना जाता है कि तभी से इस व्रत को करने की प्रथा आरम्भ हुई।

पुरुषों को नहीं दिया जाता है प्रसाद | Betul News

गणगौर महिलाओं का त्योहार माना जाता है इसलिए गणगौर पर चढ़ाया हुआ प्रसाद पुरुषों को नहीं दिया जाता है। गणगौर के पूजन में प्रावधान है कि जो सिन्दूर माता पार्वती को चढ़ाया जाता है,महिलाएं उसे अपनी मांग में सजाती हैं। शाम को शुभ मुहूर्त में गणगौर को पानी पिलाकर किसी पवित्र सरोवर या कुंड आदि में इनका विसर्जन किया जाता है।

Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment