Indian Railway: भारत में इस रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के नहीं मिलती है एंट्री, करना होता है यह काम, हमारे देश का रेल नेटवर्क बहुत विशाल है और आज हम इस विशाल रेल नेटवर्क में से कुछ ऐसे अनोखे रेलवे स्टेशन लाये हैं जो दुनिया में आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे। एक रेलवे स्टेशन पर तो जाने के लिए आपको वीज़ा लगवाना पड़ेगा। आइये जानते है ऐसे ही कुछ रेलवे स्टेशन के बारे में
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This Railway Station in India Without Visa No entry
भारत में कई अजीबो गरीब ऐसे स्टेशन है जहा बिना वीजा के एंट्री नहीं मिलती है फिर लोगो को करना होता है यह काम
भारत में कई हैरान करने वाली जगहें हैं जिनके बारे में जानने के बाद यकीन करना मुश्किल होता है। भारत में कई अजीबोगरीब रेलवे स्टेशन भी हैं जिनके बारे में जानने के बाद आम इंसान हैरत में पड़ जाता है। दिल्ली-मुबई रेल रूट पर एक ऐसा अनोखा रेलवे स्टेशन है जो दो राज्यों में पड़ता है। यह जानकर आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह रेलवे स्टेशन राजस्थान के झालावाड़ जिले में पड़ता है जहां पर आधी ट्रेन एक राज्य में खड़ी होती है, तो आधी दूसरे राज्य में खड़ी होती है।
भारत में इस रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के नहीं मिलती है एंट्री, करना होता है यह काम
भवानी मंडी (Bhavani Mandi)
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन भारत का प्रख्यात स्टेशन है भारत में कई रेलवे स्टेशन अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं, तो कई अपने प्लेटफ़ॉर्म के लिए जाने जाते हैं। लेकिन राजस्थान के झालावाड़ जिले में दिल्ली-मुंबई रेल रूट पर स्थित भवानी मंडी स्टेशन अपने अनोखेपन के लिए जाना जाता है। कोटा संभाग में पड़ने वाला यह स्टेशन राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बंटा हुआ है।
भारत में इस रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के नहीं मिलती है एंट्री, करना होता है यह काम
इस अनोखे रेलवे स्टेशन पर दोनों राज्यों की संस्कृति की झलक नजर आती है। यह रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित है जो कई मायनों में बेहद खास है। इस स्टेशन की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां पर लोग टिकट लेने के लिए राजस्थान में खड़े होते हैं जबकि टिकट देने वाला क्लर्क मध्य प्रदेश में बैठता है। भवानी मंडी की सुंदरता को देखने के लिए कई जगहों से लोग आते है

मध्यप्रदेश के लोगो का भवानी मंडी में आना जाना
मध्य प्रदेश के लोगों को हर काम के लिए भवानी मंडी स्टेशन ही आना पड़ता है जिसकी वजह से दोनों प्रदेश के लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द देखने को मिलता है। राजस्थान की सीमा पर स्थित लोगों के घर के सामने का दरवाजा भवानी मंडी कस्बे में खुलता है, जबकि पीछे का दरवाजा मध्य प्रदेश के भैंसोदा मंडी में खुलता है। सबसे खास बात यह है कि दोनों राज्यों के लोगों का बाजार भी एक है।
नागपुर का प्रख्यात रेलवे स्टेशन
यह स्टेशन भी भवानी मंडी की तरह दो राज्यों में पड़ता है। गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा में यह अनोखा रेलवे स्टेशन स्थित है। इस रेलवे स्टेशन पर मौजूद बेंच दो राज्यों में पड़ती है। इस स्टेशन की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी भाषाओं में घोषणा होती है।
भारत में इस रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के नहीं मिलती है एंट्री, करना होता है यह काम
जब यह स्टेशन बना था उस समय महाराष्ट्र और गुजरात एक ही राज्य थे। संयुक्त मुंबई प्रांत में नवापुर स्टेशन पड़ता था, लेकिन साल 1961 में जब इसका बंटवारा हुआ, तो ये स्टेशन महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित हुआ। दोनों राज्यों में नवापुर स्टेशन के पड़ने से इसकी अलग पहचान है।
अटारी भी एक अनोखा रेलवे स्टेशन है
भारत के इस अनोखे रेलवे स्टेशन पर जाने के लिए वीजा की जरूरत होती है। आप यहां पर बिना वीजा के नहीं जा सकते हैं। यह रेलवे स्टेशन पंजाब के अमृतसर जिले में पड़ता है। इस स्टेशन पर अगर आप बिना वीजा के पकड़े जाते हैं, तो आपके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है। एक बार मामला दर्ज होने के बाद बेल भी मुश्किल से ही मिलती है। इस स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जाती है। ये स्टेशन है तो भारत के पंजाब में, लेकिन बिना पाकिस्तानी वीजा के यहां कोई भी भारतीय नहीं जा सकता है।