भारत के पहले सोलर मिशन, “आदित्य एल1,” जो सूर्य-पृथ्वी के बीच 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित होने जा रहा है, अपने अंतरिक्ष सफर के लिए पूरी तरह तैयार है। इसका लॉन्च आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज शनिवार, 2 सितंबर को किया जाएगा। पहले इस मिशन की योजना थी कि इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाए, लेकिन बाद में इसरो के साथ की गई चर्चा के बाद फैसला लिया गया कि यह सूर्य-पृथ्वी के बीच एल1 (लैग्रेंज प्वाइंट -1) के चारों ओर एक हेलो कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
आदित्य एल1 का डेटा बहुत दिनों तक हमें उपलब्ध रहेगा, और यह इसरो के इंजीनियरों की मेहनत और भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान का परिणाम है।
Another milestone for @isro 🚀 !
— DD News (@DDNewslive) September 2, 2023
India's maiden solar mission, Aditya-L1 successfully launched from Sriharikota #AdityaL1 #AdityaL1Launch@isro pic.twitter.com/QsFyq3OGtK
प्लाज्मा के तापमान का करेगा अध्द्ययन
इस मिशन को भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा तैयार किया गया है जो सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए अवसर प्रदान करेगा। इसके तहत, प्लाज्मा के तापमान जैसे महत्वपूर्ण गुणों की भी अध्ययना की जाएगी, जिसके कारण प्लाज्मा गर्म हो जाता है।
कित्ते दिनों में पूरा होगा यह मिशन ?
इस मिशन के सफल लॉन्च के बाद, यह आदित्य एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 तक पहुंचने में 127 दिन लगाएगा, और उसके बाद कुछ परीक्षण भी किए जाएंगे। इससे हमें सूर्य के विभिन्न पहलुओं का गहरा अध्ययन करने का मौका मिलेगा और प्लाज्मा के तापमान जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर मिलेगा।
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भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
यह मिशन हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे हम पहली बार विजिबल इमिशन लाइन पर डेटा प्राप्त करेंगे। इसके पहले कोई ऐसा नहीं कर पाया था।