सफेद जामुन का नाम सुनकर शायद आपको थोड़ा अजीब लगे. जी हां, सफेद जामुन ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. ये फल खासतौर पर गर्मियों में खाए जाने चाहिए. इसकी उत्पत्ति दक्षिण-पूर्व एशिया में मानी जाती है. भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से ओडिशा, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में की जाती है. यहां तक कि बिहार के सीतामढ़ी में भी कुछ पेड़ लगाए गए हैं.
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आकार में ये बेरी घंटी के जैसा होता है. सफेद जामुन में पानी की मात्रा अधिक होती है. इसलिए ये गर्मियों में लू से बचाने और शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए बेहतरीन फल है. सफेद जामुन कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है. साथ ही इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है. ये विटामिन ए और विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है. इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया में सहायक होता है और आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा भी काफी कम होती है.
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आयुर्वेद के अनुसार, सफेद जामुन में शीतल गुण होते हैं, जिस वजह से ये गर्मियों में होने वाली समस्याओं से राहत दिलाता है. ये शरीर को पानी पहुंचाता है. थकान मिटाता है. सफेद जामुन को आप कई तरह से खा सकते हैं. इसे सलाद में भी शामिल किया जा सकता है. इसके मीठे स्वाद के कारण आप इसे कई तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
बता दें कि सीतामढ़ी में सफेद जामुन की खेती एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर के बेटे आकिब जावेद द्वारा की जा रही है. वो अपने पिता द्वारा लगाए गए पेड़ों की भी देखरेख कर रहे हैं. अगर कोई बीमारी की दवा लेने जावेद के पास आता है तो वो जरूरतमंदों को दवा मुफ्त में भी देते हैं.