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फूलगोभी की यह टॉप किस्मे इस सीजन तोड़ेंगी सारे रिकॉर्ड, एक हेक्टेयर में होगा 25 से 30 टन का उत्पादन, जाने पूरी डिटेल्स

फूलगोभी की यह टॉप किस्मे इस सीजन तोड़ेंगी सारे रिकॉर्ड, एक हेक्टेयर में होगा 25 से 30 टन का उत्पादन, जाने पूरी डिटेल्स। देश में फूलगोभी बहुअयात में उगाई जाती है और भारत में पांरपरिक फसलों से ज्यादा सब्जी फसलों की मांग रहती है. सब्जी फसलें किसानों को कम समय में अधिक मुनाफा कमाने में मदद करती हैं। यही कारण है कि अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के बागों के साथ सब्जी फसलों की खेती करने का चलन भी बढ़ गया है।

रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसल है फूलगोभी

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बात करें फूलगोभी की तो ये सर्दियों यानी रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसल है, जिसके लिये अगस्त से ही नर्सरी तैयार करने का काम शुरु कर सकते हैं. इसकी खेती से अच्छी आमदनी कमाने के लिये फूलगोभी की उन्नत किस्मों का चयन करना लाभकारी रहता है. आइये जानते है इस बारे में.

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फूलगोभी की टॉप उन्नत किस्मो के बारे में

अगेती किस्में- अर्ली कुंआरी, पूसा कतिकी, पूसा दीपाली, समर किंग, पावस, इम्प्रूब्ड जापानी आदि प्रमुख है|

मध्यम किस्में- पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, पूसा स्नोबाल, के.- 1, पूसा अगहनी, सैगनी, हिसार न- 1 आदि प्रमुख है|

पिछेती किस्में- पूसा स्नोबाल- 1, पूसा स्नोबाल- 2, स्नोबाल- 16 आदि प्रमुख है|

फूलगोभी की उन्नत किस्मो की विशेषताओं के बारे में

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पूसा दीपाली- इस फूलगोभी की किस्म को उत्तरी भारत के लिए अनुमोदित किया गया है, विशेषता दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में उगाने के लिए सलाह दी गयी है| शीघ्र तैयार होने वाली किस्म, सघन फल, सफेद फल, मध्यम आकार तथा चिपचिपेपन से बिल्कुल मुक्त होती है| फल कटाई के लिए अक्टूबर के अंत में तैयार हो जाते है|

अर्ली कुंवारी- इस फूलगोभी की किस्म को हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली के लिए अनुमोदित किया गया है| यह बहुत शीघ्रता से पकने वाली किस्म है| फल समतल सतह के साथ अर्धगोल आकार में होते हैं| मध्य सितम्बर से लेकर मध्य अक्टूबर तक इसकी कटाई की जा सकती है| औसतन पैदावार 8 टन प्रति हेक्टेयर है|

पंजाब जायंट- 26- यह मुख्य मौसम की किस्म है| फल मजबूत, सफेद, मध्यम आकार के होते हैं| इसकी कटाई मध्य नवम्बर से दिसम्बर तक की जा सकती है| औसतन पैदावार 17 टन प्रति हेक्टेयर है|

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पंजाब जायंट- 35- यह भी फूलगोभी की मुख्य मौसम की किस्म है| फल सफेद, सघन तथा मध्य आकार के होते हैं| इसकी कटाई मध्य नवम्बर से दिसम्बर तक की जा सकती है| औसतन पैदावार 17 टन प्रति हेक्टेयर है|

पंत शुभ्रा- इस फूलगोभी की किस्म को उत्तरी भारत के लिए अनुमोदित किया गया है| यह शीघ्रता से तैयार होने वाली फसल है| फल सघन, थोडा शंक्वाकार तथा क्रीम सफेद होते हैं| यह कटाई के लिए नवम्बर में तैयार हो जाती है| औसतन पैदावार 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर है|

पूसा स्नोबल- 1- यह फूलगोभी की देर से पकने वाली किस्म है| इसके फल सघन, आकार में मध्यम तथा रंग में बर्फ जैसे सफेद होते हैं| इसकी कटाई जनवरी से अप्रैल तक की जा सकती है| औसतन पैदावार 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर है| यह काली सडन के प्रति संवेदनशील है|

स्नोबल- 16- यह फूलगोभी की किस्म उत्तरी भारत में ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है| यह देर से पकने वाली किस्म है| इसके फल मध्यम आकार के, संगठित तथा आकर्षक सफेद रंग के होते हैं| इसकी कटाई जनवरी से मार्च तक की जा सकती है| औसतन पैदावार 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर है|

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