इन 5 गलतियों के चलते रिजेक्ट हो सकता है हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम, हेल्थ इंश्योरेंस लेते टाइम हो जाइये सावधान, आपको भी लेना है हेल्थ इंश्योरेंस या लेने का सोच रहे हैै तो रुक जाइये आपको उसके पहले कई बातो का ध्यान रखना जरुरी है, आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना पहले के मुकाबले काफी हद तक आसान हो गया है अब हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बहुत से एप, वेब साइड आ गई है आप इसे घर बैठकर ही खरीद सकते है लेकिन आप हेल्थ इंश्योरेंस लेने के टाइम गलती का शिकार हो जाते है और आपको यह गलती पता भी नहीं होती है, और इससे आपको भविष्य में दिक्कत हो सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के पहले अगर आपने इन बातो का ध्यान रख दिया तो आपको भविष्य में कोई परेशानी नहीं आएगी वरना आप भी गलती कर बैठेंगे और आपको भविष्य में उस एक गलती की वजह से भारी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है हेल्थ इंश्योरेंस लेते टाइम रख लीजिये इन बातो का ध्यान वरना इन कारणों को इग्नोर करने पर आपका क्लेम खारिज हो सकता है. हम आपको बताते है ऐसी 5 जरुरी बाते जिसे समझने के बाद आपका हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम कभी खारिज नहीं होगा जान लेना आपके लिए है जरुरी ये बाते।
इन 5 गलतियों के चलते रिजेक्ट हो सकता है हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम, हेल्थ इंश्योरेंस लेते टाइम हो जाइये सावधान
आइये जानते है की क्या होती है, इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस
आप और इंश्योरेंस देने वाली कम्पनी एक कॉट्रेक्ट के जरिये एक दूसरे से बंदी है, इसलिए आपको क्लेम प्रोसेस करते समय अनिवार्य बातो का ध्यान रखना अति आवश्यक है आप उस दस्तावेज को गलत तरीके से भर देते है जिसकी वजह से यह सारि प्रॉब्लम होती है, गलत तरीके से भरने या दस्तावेज की कमी के कारण आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस प्रोसेस को समझने के लिए आप पहले बीमा कंपनी से संपर्क कर लें. इससे क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाती है।
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अगर आपके शरीर में हेल्थ इंश्योरेंस, लेने से पहले लोई बीमारी मौजूद है तो रुकिए पहले इसे समझ लीजिये
अगर आप आज हेल्थ इंश्योरेंस लेने की प्रोसेस पूरी करते हो और आपकी प्रोसेस पूरी हो गई है और आपको पहले से कोई बीमारी है तो हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी पहले से हुई बीमारी को कवर नहीं करती है और आप पहले से हुई बीमारी के कारन बीमार होते है और आपको न चाहते हुए भी हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ रहा है तो आपको जो भी खर्च लगता है आपको वह हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लगा पायेगी और अगर आप कम्पनी में क्लेम करते है तो पूरी संभावना है की आपका क्लेम खारिज हो जाएंगे इसे सीधी बात तो यह है की हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बावजूद आपको उसका फायदा नहीं मिलेगा तो यह होती है गलतिया जो हर इंसान कर देता है और भविष्य में इन गलतियों की वजह से उस इंसान को अपना नुकसान सहना पड़ता है।
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एक साल की होती है अवधि नहीं किया रिन्यू तो कोई दावा नहीं होगा स्वीकार
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि की बात करे तो एक साल की ही अवधि होती है, एक साल के बाद आपकी पॉलिसी समाप्त हो जाएगी और आपकी जो पॉलिसी ख़त्म हो चुकी है तो वह कोई काम की नहीं रहती, ऐसे में अगर आप उस पॉलिसी का फिर से लाभ उठाना चाहते है तो आपको उसे फिर से रिन्यू करना होगा इससे रिन्यूअल पर मिलने वाले दूसरे फायदे भी मिलेंगे, इसके लिए आपको प्रीमियम देना पड़ता है और यदि आप रिन्यू नहीं करते तो पॉलिसी ख़त्म हो जाती है पॉलिसी ख़त्म होने पर आपकी किसी भी प्रकार की परेशानी या दावा स्वीकार नहीं किया जायेगा।
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जान लीजिये की क्या है, वेटिंग पीरयड
हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में वेटिंग पीरियड से यह मतलब है की आपको बीमा कवर का फायदा उठाने के लिए एक निश्चित अवधि तक इंतजार करना होगा. कुछ पॉलिसी ऑनर कुछ साल के वेटिंग पीरियड के बाद पहले वाली बीमारी को कवर करते है यह कम्पनी के अवधि और उनके नियमो पर आधारित होता है वरना सिमा समय के पहले आपका दावा ख़ारिज कर दिया जायेगा।
कुछ शर्तो में न आप दावा कर सकते है न ही उस परिस्तिथि से बच सकते है
हर कम्पनी की अलग अलग शर्त होती है और हर पॉलिसी में भी आपको शर्ते दी जाएगी जिसके साथ आपको बाकि बीमारी का फाइनेंशियल कवर दिया जाता है लेकिन कुछ शर्ते ऐसी भी होती हो की उस शर्त में आप किसी भी प्रकार का दवा नहीं कर सकेंगे इस प्रकार की किसी भी स्थिति से बचने के लिए आपको पॉलिसी से जुड़े दस्तावेजों को अच्छी तरह पढ़ना चाहिए. अगर आपको उस दस्तावेज पर किसी प्रकार का डाउट है तो आप उसे कम्पनी के मैनेजर के पास जाकर उनसे यह दस्तावेज समझ सकते है।