इस मेडिसिन को खाते ही भूरी आँख हुयी नीली जानिए क्या है इस मेडिसिन में खाश, कोरोना वायरस को लेकर अभी भी जितना डर लोगो में है, उतना डर अभी उन दवाइयों के इस्तेमाल करने से है. अभी हाल में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें 6 साल के बच्चे की आंखें फेविरपीर के इस्तेमाल के बाद भूरी से नीली हो गई।
कैसे बदला आँखों का रंग
हम सभी जानते है की आंखों का रंग बदला नहीं जा सकता है. यह बात इसलिए अहम है क्योंकि 6 महीने के मासूम बच्चे को जब कोविड उपचार के लिए एंटीवायरल फेविरपीर दी गई तो उसकी आंखें भूरी से नीली हो गई. इस बदलाव से डॉक्टर भी हैरान हैं कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है. हालांकि इस तरह के कुछ केस पहले भी आ चुके हैं. पर डॉक्टरों और रिसर्च से सामने आया की आँखों का रंग बदलना कोरोना वायरस के लिए ली गई दवाइयों के वजह से हुयी है।
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सबसे बड़ा कारण फेविरपीर है
यह एक ऐसी एंटीवायरल मेडिसिन है जिसकी मदद से अलग अलग तरह के वायरस को खत्म किया जाता है, जिसमे से एक कोरोना वायरस है,इस वायरस को ख़त्म करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। इस दवाई के इस्तेमाल से इंफ्लुएंजा और इबोला वायरस के इलाज में भी किया जाता है. यह वायरस के अलग अलग प्रकारों पर अंकुश लगाने की काम करता है. खासतौर से यह आरएनए पर काम करता है क्योंकि आरएनए अपने हमशक्ल का निर्माण करता है.2020 में जब कोरोना वायरस अपने चरम पर था उस वक्त चीन ने इसके इस्तेमाल की इजाजत दी थी. तब से इसका इस्तेमाल भारत, जापान और थाईलैंड में भी किया जा रहा है. इसके जरिए कोरोना के हल्के मामलों का इलाज होता है.जिससे की कोरोना वायरस अधिक न फैले।
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फेविरपीर का इस्तेमाल कौन-कौन से देश में किया जाता है
अगर हम बात करे की फेविरपीर बात करे तो यह दवाई का इस्तेमाल बच्चो में अधिक होता है,और आम तौर पर कोविड से बचने के लिए किया जाता है। सबसे अधिक थाईलैंड की करें तो यहां पर कोविड का सामना कर रहे बच्चों में इसका उपयोग होता है. फेविरपीर के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं जैसे डायरिया के साथ साथ अगर उपचार सही से ना हो तो यूरिक एसिड के साथ व्हाइट ब्लड सेल में इजाफा होता है. कुछ लोगों में मितली और किडनी में स्टोन की समस्या भी सामने आई है.इस तरह का पहला मामला साल 2021 में दिसंबर के महीने में दर्ज किया गया था जब एक 20 साल के शख्स के कॉर्निया के रंग में बदलाव हो गया था. हालांकि इससे पहले गर्मियों के महीनों में डॉक्टरों ने बताया था कि एक शख्स ने शिकायत की थी कि फेविरपीर मेडिसिन लेने के बाद उसके आंखों में चमक बढ़ गई थी।
फेविरपीर से होने वाले लाभ
फेविरपीर से बहुत से वायरस को ख़त्म क्र सकते है, जैसे की इंफ्लुएंजा और इबोला वायरस के इलाज में भी किया जाता है. फेविरपीर का को सबसे पहले कोरोना वॉयरस को खात्म करने में किया जाता। जिससे की बच्चें को सबसे जयादा फायदा हुआ है।