News Desk India: झारखण्ड में हुई ED की छापेमारी, निशिकांत दुबे ने पहले ही कर दी थी अगस्त क्रांति की भविस्यवाणी, यह कार्रवाई पंकज मिश्रा और बच्चू यादव से हुई पूछताछ में सामने आए नए तथ्यों के आधार पर शुरू की गई है. इसी मामले में पहले से गिरफ्तार पंकज मिश्रा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी हैं.
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झारखंड में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी शुरू कर दी है. ईडी की टीम ने बुधवार सुबह राज्य में 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. ईडी की इस छापेमारी की जानकारी बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को पहले से थी. उन्होंने मंगलवार रात 11 बजे ट्वीट कर इस कार्रवाई का अलर्ट दिया था।
बुधवार सुबह भी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर ट्वीट किया। बताया कि बिचौलिया प्रेम प्रकाश ने 20 जगहों पर छापेमारी की है. इसी ट्वीट में उन्होंने कहा है कि वह पहले ही दावा कर चुके हैं कि अगस्त नहीं गुजरेगा. ईडी सूत्रों के मुताबिक पंकज मिश्रा और बच्चू यादव से पूछताछ में सामने आए नए तथ्यों के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की गई है. इसी मामले में पहले से गिरफ्तार पंकज मिश्रा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी हैं.
अब तेरा क्या होगा ? कल झारखंड में नया सवेरा होगा,आख़िर अगस्त क्रांति की शुरुआत होगी,जिन्होंने मेरे बातों को मज़ाक़ में उड़ाया,उनको धन्यवाद,आपके कारण अपने फ़िक्र और ग़म को धुँआ में उड़ाता चला गया,झारखंड की अस्मिता बचाने के लिए मेरे उपर कोई भी उपहास छोटा लगता है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 23, 2022
पहले से ही शुरू हो गयी थी कार्यवाही
ईडी ने मामले की जांच करते हुए 8 जुलाई को झारखंड में साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा समेत कुल 19 जगहों पर छापेमारी की थी. इन सभी जगहों का संबंध पंकज मिश्रा और बच्चू यादव से है। इस सर्च ऑपरेशन के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही ईडी ने 50 बैंकों में जमा करीब 13.32 करोड़ की राशि भी जब्त की थी.
साबुत मिलते ही हुई कार्यवाही
झारखंड में छापेमारी के बीच ईडी ने स्थिति स्पष्ट की है. जारी बयान में कहा गया है कि मामले से जुड़े विभिन्न पक्षों से पूछताछ, डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेजों को देखने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है. वरिष्ठ आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी के सामने सबसे पहले प्रेम प्रकाश का नाम आया। पूजा सिंघल ने माना था कि प्रेम प्रकाश सत्ता के करीब रहने वाला बिचौलिया है। मौजूदा सरकार के कई राजनेताओं और नौकरशाहों से भी उनके अच्छे संबंध हैं।