कंटोला, जिसे खेक्सा या ककोड़ा भी कहा जाता है, एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है। इसकी खेती करने से किसानों को अच्छी आय हो सकती है। आइए जानते हैं कंटोला की खेती कैसे की जाती है। कंटोला की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। यह न केवल किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाता है बल्कि एक स्वस्थ और पौष्टिक सब्जी भी उपलब्ध कराता है। यदि आप कंटोला की खेती शुरू करने की सोच रहे हैं आइये जानते इसके बारे में
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कंटोला की खेती कैसे करे
कंटोला के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। गर्म और आर्द्र जलवायु कंटोला के विकास के लिए आदर्श होती है। 25 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान कंटोला के विकास के लिए सबसे अच्छा होता है मिट्टी का PH मान 5.6 तक होना चाहिए है आपको इसके बाद खेती की 3 इ 4 बार गहरी जुताई के बाद पता चलना चाहिए सबसे बाद वाली जुताई के वक्त अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद 20 से 25 टन प्रति एकड़ में मिलना चाहिए।
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कंटोला के कई अधिक फायदे
कंटोला की मांग बाजार में काफी अधिक है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। कंटोला में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कंटोला की खेती में अन्य फसलों की तुलना में कम लागत आती है
कंटोला की खेती से मुनाफा
इस सब्जी की मार्केट में काफी तेजी से डिमांड कर रहे है और इसकी खेती करके किसान भाई भी रातों-रात लाखों-करोड़ों के मालिक बन सकते है जिससे वह भी बंपर कमाई कर सकेंगे।