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किसानों की किस्मत चमका देंगी प्याज की यह किस्म, प्रति हेक्टेयर होगी 350 क्विंटल पैदावार, कम खर्चे में होगा अधिक उत्पादन

किसानों की किस्मत चमका देंगी प्याज की यह किस्म, प्रति हेक्टेयर होगी 350 क्विंटल पैदावार, कम खर्चे में होगा अधिक उत्पादन भारत के कृषि प्रधान देश है, यहां के किसान अब अधिक मुनफा कमाने के लिए परम्परागत खेती छोड़ नयी पद्धति से खेती करने के और बढ़ रहे है, ऐसे में बरसात के दिनों में और ठंडी के मौसम में किसान भाई प्याज की खेती करते है।

इस किस्म के प्याज की खेती बना देंगी मालामाल

ऐसे में आज हम आपको प्याज की एक उन्नत किस्म के बारे में बताने जा रहे है जिसकी खेती किसानो को मालामाल कर देगी। आप भी प्याज की HOS-3 नाम की एक प्याज की एक खास किस्म विकसित की है. जो न सिर्फ पैदावार में बहुत अच्छी है बल्कि इसमें अंकुरण भी कम होगा. यानी यह जल्दी खराब नहीं होगी. इस किस्म के प्याज की औसत पैदावार 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। आइए जानते है इसकी खेती के बारे में जानकारी।

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प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्र है

आपकी जानकारी के लिए बतादे प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्र है. यहां के किसान बड़े पैमाने पर प्याज की खेती करते है, आपको जानकारी के लिए बता दे की प्याज की प्याज की एचओएस-3 किस्म हरियाणा में तैयार की गई है, लेकिन हरियाणा में देश का महज 2 से 2.5 फीसदी ही प्याज पैदा होता है, जबकि महाराष्ट्र में 40 फीसदी। प्याज उत्पादन में दूसरा नंबर मध्य प्रदेश का है जहां पर देश का 15 फीसदी प्याज पैदा हो रहा है। कर्नाटक 9, राजस्थान 6 और गुजरात देश का सिर्फ 5 फीसदी प्याज पैदा करता है।

ऐसे करे आसानी से प्याज की खेती

आपको बतादे पनीरी की रोपाई के लिए 125 किलोग्राम सड़ी हुई खाद प्रति 25 वर्ग मीटर डालकर जमीन को समतल करें। पनीरी और प्याज लगाए गए क्षेत्र के अनुपात (1:20) के अनुसार 20 सेमी ऊंचे और 1 से 1.5 मीटर चौड़े ट्रैक बनाएं. ध्यान रहे कि यह अच्छी स्थिति में बोयें हुए होना चाहिए। ताकि आपको इसे आगे चलकर कोई परेशानी न होए.
बीज को 3 ग्राम थेरम या कैप्टान प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित कर 1 से 2 सेमी. 5 सेमी गहरी दूरी पर कतारों में रोपें। बुआई के बाद अच्छी तरह सड़ी हुई देशी खाद की हल्की परत से ढक दें और तुरंत फव्वारे से सिंचाई करें.
दिन में दो बार, सुबह और शाम, पौधों को पानी दें।

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इस किस्म से होगी तगड़ी पैदावार

किसी भी किसान की कमाई बहुत हद तक उसकी खेती की तकनीक और फसल की किस्म पर निर्भर करती है. इसीलिए कृषि वैज्ञानिक किसानों को इस बात की सलाह दे रहे हैं कि उन्नत किस्मों का चयन करें और जहां तक प्याज की बात है तो इसमें पूसा रेड, किस्म काफी प्रचलित है, जिसमें 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होती है. इसी तरह हिसार-2 में 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होती है.

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