Thursday, December 7, 2023
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किसानो की किस्मत चमका देंगी गेहूं की ये टॉप किस्मे, अधिक उत्पादन के साथ मुनाफा भी होगा तगड़ा, देखे पूरी जानकारी

किसानो की किस्मत चमका देंगी गेहूं की ये टॉप किस्मे, अधिक उत्पादन के साथ मुनाफा भी होगा तगड़ा, देखे पूरी जानकारी। आज के समय में किसान भाई द्वारा नई तकनीक से खेती करने की परंपरा चली आ रही है। जिससे आपको कई आधुनिक कृषि पद्धतियों में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिलता है। आजकल किसान ऐसी फसलें भी बोते हैं जिनका उत्पादन अधिक होता है। तो हम आपके लिए गेहूं की उन्नत किस्में लेकर आए हैं जो बंपर उपज देती हैं। किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। प्रत्येक किसान चाहता है कि उसकी फसल अच्छी हो और अधिक उत्पादन हो ताकि वह अधिक पैसा कमा सके। तो चलिए जानते है इन किस्मो के बारे में।

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पूसा तेजस- 8759 गेहूं किस्म (Pusa Tejas- 8759 wheat variety)

आपको बता दे इंदौर कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा पूसा तेजस ‘एचआई-8759’ किस्म तैयार की गई है। यह गेहूं की भी एक किस्म है। मध्य क्षेत्र में उच्च उर्वरता और सिंचित परिस्थितियों में खेती के लिए काठिया या डुरम गेहूं की किस्म एच. आई. 8759 की पहचान की गई है। यह किस्म की पत्तियां चौड़ी, मध्यम आकार की, चिकनी और सीधी होती हैं। इस पौधे में 10 से 12 तने होते हैं। यह किस्म बहुत पौष्टिक होती है। यह किस्म को कम पानी की आवश्यकता होती है। यह किस्म 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाते हैं। प्रत्येक 65 से 75 हेक्टेयर में उपज प्राप्त होती है।

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पूसा मालवी (एचआई 8737) गेहूं किस्म (Pusa Malvi (HI 8737) wheat variety)

कृषि में मालवी गेहूं की एक उच्च उपज देने वाली किस्म है, यह किस्म मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भरपाई करती है, मालवी गेहूं को प्रोटीन, विटामिन, दलिया, बाटी, सूजी और पोषण प्रदान करने वाले कई व्यंजनों से भरपूर विभिन्न पौष्टिक व्यंजनों में बनाया जा सकता है। गेहूं की यह एच. आई. 8737 (पूसा अनमोल) किस्म 115 से 120 दिनों में पकने के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यह किस्म सिंचित क्षेत्र और समय पर बुवाई के लिए वरदान साबित हो रही है जिससे मालवी गेहूं की अधिक पैदावार लगभग 65-70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो रही है।

DBW -327 गेहूं किस्म (DBW -327 wheat variety)

आपको बता दे डी. बी. डब्ल्यू.-327 किस्म अच्छी उपज देने वाली किस्म है। यह भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि गेहूं की नई किस्म डीबीडब्ल्यू 327 किसानों की किस्मत बदल देगी। उपज 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। किसान इस गेहू की किस्म की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। साथ ही निर्देशक ने इस किस्म के बारे में सारी जानकारी दे दी है। जिसकी सहायता से किसान भाई लाखो की कमाई कर सकते है।

पूसा पोषण Hi – 8663 गेहूं किस्म (Pusa Nutrition Hi – 8663 Wheat Variety)

पूसा न्यूट्रिशन हाई-8663 की बात करें तो यह किस्म सबसे अधिक उत्पादन देने में सबसे आगे है। इसे सुनहरा या प्रीमियम गेहूं भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यह प्रति हेक्टेयर 95.32 क्विंटल की उपज देने में सक्षम है। एच. आई.-8663 एक जीनोटाइपिक विशेषता, उच्च गुणवत्ता और उच्च उत्पादकता वाला गेहूं का बीज है। पूसा न्यूट्रिशन हाई-8663 में पोषक तत्व की उच्च मात्रा के कारण बाजार में इसकी काफी मांग है। ब्रेड के अलावा, इस गेहूं से सूजी और पास्ता भी बनाए जाते हैं। नवंबर का महीना इस किस्म की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। गेहू की यह उन्नत किस्म 120-130 दिनों में पक जाता है।

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पूसा मंगल Hi- 8713 गेहूं किस्म (Pusa Mangal Hi- 8713 wheat variety)

आपको बतादे पूसा मंगल हाई-8713 गेहूं की एक उन्नत किस्म है जिसे काठिया गेहूं की किस्म कहा जाता है। इसकी कीमत बाजार में काफी अधिक है। इस किस्म का दाना मोटा, बड़ा और कम चमकदार दिखता है। इसका उपयोग रोटी, पास्ता और अनाज में किया जाता है। पुसा मंगल हाई-8713, गेहूं की एक उन्नत किस्म, 2.5-3 फीट लंबी है और इसका बीज दर 70 किलोग्राम/एकड़ है। यह अक्टूबर से नवंबर के बीच बोया जाता है। इसे तीन से चार बार पानी देना चाहिए। इसकी पकने की अवधि 130 से 140 दिन होती है। गेहूं की इस किस्म में प्रति एकड़ 32 क्विंटल से अधिक उत्पादन करने की क्षमता होगी।

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