कम लागत में काली हल्दी की खेती बना देंगी मालामाल, मार्केट में बिकती है इतनी महंगी, जाने कैसे करे इसकी खेती । अभी किसानों को पारंपरिक फसलों से इतर नई-नई फसलों की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा इसी कड़ी में किसानों के बीच हल्दी की खेती का चलन भी बढ़ा है। कई राज्य सरकारें भी किसानों को परंपरागत खेती के साथ ही औषधीय फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है।
काली हल्दी की बाजार में बढ़ी काफी मांग
ऐसे में औषधीय फसलों की खेती करके किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. इन औषधीय फसलों में एक काली हल्दी भी है. इसकी खेती करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी बाजार में काफी मांग बनी रहती है। चलिए आपको बताते है काली हल्दी की खेती के बारे में विस्तार से।
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काली हल्दी की खेती के लिए कैसा हो जलवायु
आपकी जानकारी के लिए बतादे काली हल्दी की खेती के लिए इसकी बुआई का उचित समय वर्षा ऋतु माना जाता है। इसकी बुवाई का उचित समय जून-जुलाई होता है हालांकि सिंचाई का साधन होने पर इसे मई माह में भी बोया जा सकता है। आइये जानते है कैसे करे खेती
काली हल्दी की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिटटी
आपको बतादे काली हल्दी खेती के लिए बलुई, दोमट, मटियार, मध्यम भूमि जिसकी जल धारण क्षमता अच्छी हो उपय रहती है. इसके विपरित चिकनी काली, मिश्रित मिट्टी में कंद बढ़ते नहीं है.इसकी खेती के लिए मिट्टी में भरपूर जीवाश्म होना चाहिए. जल भराव या कम उपजाऊ भूमि में इसकी खेती नहीं रहती है. इसकी खेती के लिए भूमि का पी.एच. 5 से 7 के बीच होना चाहिए।
काली हल्दी की खेती से लिए कैसे करे रोपाई
काली हल्दी के कन्दों की रोपाई कतारों में की जाती है. प्रत्येक कतार की बीच डेढ़ से दो फीट की दूरी होनी चाहिए. कतारों में लगाए जाने वाले कन्दों के बीच की दूरी करीब 20 से 25 से.मी. होनी चाहिए। कन्दों की रोपाई जमीन में 7 से.मी. गहराई में करना चाहिए. पौध के रूप में इसकी रोपाई मेढ़ के बीच एक से सवा फीट की दूरी होनी चाहिए. मेढ़ पर पौधों के बीच की दूरी 25 से 30 से.मी. होनी चाहिए. प्रत्येक मेढ़ की चौड़ाई आधा फीट के आसपास रखनी चाहिए।
काली हल्दी का औषधियों के रूप में किया जाता उपयोग
आपको बता दे काली हल्दी अपने चमत्कारिक गुणों के कारण देश विदेश में काफी मशहूर है। काली हल्दी का उपयोग मुख्यत: सौंदर्य प्रसाधन व रोग नाशक दोनों ही रूपों में किया जाता है। काली हल्दी मजबूत एंटीबायोटिक गुणों के साथ चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग की जाती है। काली हल्दी का प्रयोग घाव, मोच, त्वचा रोग, पाचन तथा लीवर की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। और इसका उपयोग बहुत सी आयुर्वेदिक दवाईया बनाने में भी होता है।
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काली हल्दी से कितना कमा सकते मुनाफा
कमाई की बात की जाये तो एक हेक्टेयर में काली हल्दी के करीब 2 क्विंटल बीज लग जाते हैं. काली हल्दी को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. बता दें कि एक एक एकड़ में कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल यानी सूखी हल्दी का करीब 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन हो जाता है. इससे असानी से किसान भाई 40 से 50 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं.