लहसुन की टॉप उन्नत किस्मे किसानो को बना देंगी धनवान, कम खर्चे में होगा प्रति हेक्टेयर 150-175 क्विंटल तक उत्पादन। देश में तरह तरह की सब्जियों की खेती होती है उसी में से एक है लसहुन की खेती। लहसुन की खेती कर किसान कम समय में लाखों रुपये कमा सकता है। लहसुन के अलग-अलग किस्म के हिसाब से पैदावार भी अलग-अलग होती है. इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है। इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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लहसुन की खेती कर कमा सकते अच्छा उत्पादन
ऐसे में किसान उन्नत किस्मों का चुनाव करें तो निश्चित रुप से उत्पादन मिलेगा. इसकी खेती के लिए न अधिक गर्मी का मौसम चाहिए और न ही अधिक ठंड का. देश अक्टूबर के महीने में इसकी खेती करना शुरू करते हैं. किसान खरीफ सीजन में लहसुन की खेती कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों ले सकते हैं. आइये जानत्ते है इसकी उन्नत किस्मो के बारे में।
लहसुन की ये उन्नत किस्मे देंगी बंपर उत्पादन
यमुना सफेद 1 (जी-1) लहसुन की किस्म: बता दे की लहसुन की यह किस्म 150– 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 160 क्विंटल से ज्यादा प्रति हेक्टयर पैदावार प्राप्त होती है. किसान इस किस्म की खेती कर अधिक पैदावार ले सकते हैं.
यमुना सफेद 2 (जी-50) लहसुन की किस्म: आपको बता दे की लहसुन की यह किस्म 165– 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 130– 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त होती है. यह किस्म का शल्क कन्द ठोस, त्वचा सफेद, गुदा क्रीम रंग की होता है.
यमुना सफेद-3 (जी-282) लहसुन की किस्म: इस किस्म के बारे में बताये तो यह सफेद रंग की बड़े कलियों वाली किस्म है जिसका गूदा क्रीम रंग का होता है तथा एक कंद में 15 से 18 कलियां पाई जाती हैं. यह किस्म 140-150 दिन में पककर तैयार हो जाती है तथा प्रति हेक्टेयर 150-175 क्विंटल तक औसत उपज देती है. यह निर्यात हेतु सर्वोत्तम किस्म मानी जाती हैं.
एग्रीफाउण्ड सफेद (जी-41) लहसुन की किस्म: इस किस्म के कंद ठोस, मध्यम आकार के सफेद तथा गूदा क्रीम रंग का होता है. प्रत्येक कंद में कलियों की संख्या 20 से 25 होती है. फसल 160-165 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर औसत उपज 125-130 क्विंटल प्राप्त होती है. यह बैंगनी धब्बा एवं झुलसा रोग के लिये प्रतिरोधी किस्म है.