उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में सूखे और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण धान की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार ने कम पानी में पैदा होने वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है।
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इसके तहत किसानों को मक्का, बाजरा, तिलहन और दालों की खेती के लिए बीजों पर सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही कुछ बीज किसानों को मुफ्त में भी दिए जा रहे हैं। विशेषकर मक्के की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आकर्षक योजनाएं शुरू की हैं।
मीठे मक्के की खेती पर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी
सरकार ने मीठे मक्के की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है। इसके अलावा बेबी कॉर्न की खेती पर 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी मिलेगी। स्थानीय सामान्य मक्का और शंकर मक्के की खेती पर भी किसानों को 6 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाएगी।
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75 जिलों के किसानों को शंकर मक्का और सामान्य बीजों पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी मक्का विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दी जा रही है।
किसानों को मुफ्त में मिलेंगे बाजरा बीज
सरकार किसानों को कुछ बीज मुफ्त में भी दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर ब्लॉक के विभागीय बिक्री केंद्रों के माध्यम से किसानों को उंगली बाजरा बीज मिनी किट मुफ्त दी जा रही है। इसके अलावा दालें और तिलहन के बीज भी सामान्य वितरण कार्यक्रम के तहत किसानों को दिए जा रहे हैं।
अगर किसान इस तरह की सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाते हैं तो उन्हें ओपीएस मशीन के माध्यम से केवल 50 प्रतिशत भुगतान करने पर बीज दिए जाएंगे। सरकार उन किस्मों के मक्के पर सब्सिडी दे रही है जिनकी बाजार में काफी मांग है। इससे किसानों को मौसम की मार तो झेलनी पड़ सकती है लेकिन फिर भी उन्हें फायदा होगा और अच्छी कमाई भी हो सकेगी।
इस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाएं चला रही है।