दवाईयों पर 84 प्रतिशत तक हो रही बचत
PM Jan Aushadhi – बैतूल – महंगी दवाईयां गरीब मरीजों की कमर तोड़ देती हैं। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब मरीजों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र की स्थापना की है। इन केंद्रों पर बाजार में मिलने वाली दवाईयों की कीमतों में जमीन-आसमान का अंतर है। कई दवाई ऐसी हैं जिसमें 84 प्रतिशत तक की बचत हो रही है। बैतूल में भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खुला है जो गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं दवाईयां | PM Jan Aushadhi
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र की संचालक नेहा सरसोदे ने बताया कि जन औषधि केंद्र सदर के इटारसी रोड पर गड़ेकर हास्पीटल के पास खुला है। उन्होंने बताया कि यहां पर दवाईयों की कीमतें काफी कम है। शुगर, बीपी, हार्ट सहित सभी बीमारियों की दवाईयां यहां पर उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि एमलोडिपिन 5 मिली ग्राम की 10 गोलियां बाजार में 21 रुपए में मिलती हैं, वहीं यह दवाई जन औषधि केंद्र में मात्र 5 रुपए में मिलती है। इसी तरह से एटिनोलॉल 50 मिली ग्राम की 14 गोलियां बाजार में 20 रुपए में मिलती हैं और यहां पर मात्र 6 रुपए में मिल रही हैं।
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इसी तरह लोसाटर्न 25 मिलीग्राम की 10 गोलियां बाजार में 33 रुपए में मिलती हैं और यहां मात्र 7 रुपए में मिल रही हैं। क्लिोपिडोग्रिल 75 मिली ग्राम की 10 गोलियां बाजार में 51 रुपए मेंं मिलती है और यहां पर मात्र 16 रुपए में मिल रही हैं। एटोरवास्टीन 10 मिली ग्राम की 10 गोलियां बाजार में 45 रुपए में मिल रही है और यहां पर मात्र 11 रुपए में मिल रही हैं।
सर्जिकल उपकरण भी हैं उपलब्ध | PM Jan Aushadhi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र में दवाईयों के साथ ही सर्जिकल उपकरण भी मौजूद हैं। नेहा सरसोदे ने बताया कि जन औषधि केंद्र पर 900 से अधिक दवाईयां उपलब्ध हैं। इसके अलावा 154 सर्जिकल उपकरण भी उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि औसत बाजार कीमत से काफी कम कीमत पर सर्जिकल उपकरण जन औषधि केंद्र पर मिलते हैं।
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जैनरिक दवाओं को बढ़ावा देने शुरू की गई हैं योजना | PM Jan Aushadhi
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंसूक मांडिवा ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर जैनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को प्रोत्साहित करने की बात कही है। पत्र में बताया गया है कि देश में 9 हजार से अधिक केंद्र स्थापित किए गए हैं। 17 सौ से अधिक दवाईयां और 280 सर्जिकल उपकरण का उत्पादन शुरू हो गया है।
यह दवाएं कम से कम 50 प्रतिशत हैं और कुछ मामलों में ब्रांडेड दवाओं के औसत बाजार मूल्य से 80-90 प्रतिशत तक सस्ती हैं। उन्होंने यह दावा किया है कि पिछले 8 वर्षों में देश के नागरिकों को लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित बचत हुई है। यह योजना स्थाई और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का एक अच्छा स्त्रोत भी है।