खंडवा: रात के अँधेरे में खिड़कियों से झांकता है कोई! सहमी सहमी रहने लगी खंडवा गर्ल्स होस्टल की छात्राएंराज्य में आज कल कई अजीब किस्से सुनने को मिल रहे है, एक ऐसा ही अजीब मामला खंडवा जिले से सामने आया है अब तो होस्टल में सुरक्षित नहीं बेटियां। लड़कियों ने शिकायत की है की अंधेरा होते ही अनजान व्यक्ति होस्टल के आसपास घूमता है. अब होस्टल के इन लड़कियों को रात होते ही डर लगने लगता है। करीब दस दिन से हम डर के साये में बिता रही है राते। होस्टल टूटी हुई खिड़की से झांकता है, हम बहुत दहशत में हैं। जानकारी मिलते ही होस्टल प्रबंधन ने पुलिस भी बुलाई थी लेकिन अब इसके बाद भी इस तरह की आपराधिक गतिविधियां बंद नहीं हुई.
दस दिन से दहशत के साये में है छात्राये
कन्या छात्रावास की छात्राओं का कहना है की महारानी लक्ष्माबाई कन्या शाला के पास स्थित महाविद्यालय अनुसूचित जाति बालक व कन्या छात्रावास में करीब दस दिन से दहशत के साये में जी रही होस्टल की छात्राओं का आक्रोश बुधवार को फूट पड़ा। अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संघ के बैनर के साथ छात्राएं रैली के रूप में आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्रसंघ के पदाधिकारी और सदस्यगण भी मौजूद रहे। आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय के समक्ष करीब आधे घंटे तक नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
जिला पंचायत CEO को सौपा ज्ञापन

कार्यालय के बाहर छात्राओं की समस्या सुनने के लिए विभाग से सहायक संचालक नीरज पाराशर पहुंचे तो छात्रसंघ के जिलाध्यक्ष मनोज ओसवाल ने कहा कि हमें सहायक आयुक्त विवेक पांडे से बात करनी है। सभी को बताया गया कि सहायक आयुक्त कार्यालय में उपास्थि नहीं थे ये किसी काम से भोपाल मिटिंग के लिए गए थे। इसके बाद छात्र-छात्राओं का समूह जिला पंचायत सीइओ नंदा भलावे कुशरे को अपनी समस्याएं बताने के लिए जिला पंचायत पहुंचा। यहां उन्हें अपनी समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा गया। सीइओ ने इनकी समस्याओं के जल्द निराकरण का आश्वासन भी दिया है।
रात के अँधेरे में खिड़कियों से झांकता है कोई! सहमी सहमी रहने लगी खंडवा गर्ल्स होस्टल की छात्राएं
खिड़की से अंदर झांकता है युवक

होस्टल की एक छात्रा सुदीपा गाड़गे ने बताया की कुछ दिन पहले की बात है, जब वह खिड़की के पास सोई थी। उस खिड़की का कांच पहले से टूटा हुआ है। मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे जैकेट की चेन खोल रहा है। जब मैं नींद से जागी तो देखा की एक व्यक्ति खिड़की के पास से कूदकर भाग निकला। तब हम बहुत दहशत में हैं।
रात के अँधेरे में आता है वह आदमी
छात्रा लकी भोरगे ने बताया कि हमारी होस्टल दो खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं। रात में एक आदमी आता है और खिड़की ठोंकता है,हमें परेशान करता है अधिक अंधेरा होने के कारण हम उसे ठीक से देख नहीं पा रहे हैं। दस दिन से लगातार वह ऐसा कर रहा है। हमने खिड़कियों के कांच के पास पुष्टे लगा दिए हैं। लेकिन फिर भी दर लग रहा है।