White Brinjal Ki Kheti: सफ़ेद बैगन की खेती से होंगी बंपर कमाई, किसान हो जायेगा मालामाल, जाने डिटेल आजकल देश में किसान अपनी पारम्परिक फसलों को छोड़ नगदी और जायद फसलों की खेती करने में अधिक रूचि दिखा रहे है। जिससे किसान कम समय में अधिक लाभ प्राप्त कर सके। आज का किसान नई उन्नत किस्मों का प्रयोग करके बंपर उत्पादन ले सकते हैं। आज हम आपको सफ़ेद बैंगन की खेती के बारे में जानकारी लेकर आये है। वैसे भी बैगन को सबसे लोकप्रिय सब्जियों माना जाता है। जो बंपर पैदावार देने के साथ किसानो की आमदनी को बढ़ाने में सहायता करता है।
सफेद बैंगन की खेती

दोस्तों आप तो जतने ही है की आजकल वैज्ञानिक तकनीकों के जरिये हर प्रकार की वास्तु की कई किस्मे तैयार की जा रही है। ऐसे में आप आम बैंगन के स्थान पर सफ़ेद बैंगन की खेती कर अच्छी आमदनी कमा सकते है। सफेद बैंगन की यह किस्म भारत में नहीं मिलती थी, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के जरिये सफेद बैंगन की इस किस्म को विकसित किया और अब किसानों को सफेद बैंगन के खेती के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं। ऐसे में आप भी सफ़ेद बैगन की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है।
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सफ़ेद बैगन की खेती से होंगी बंपर कमाई, किसान हो जायेगा मालामाल, जाने डिटेल
बैगन की इन किस्मो से कमाए तगड़ा मुनाफा
बैंगन की बहुत सी ऐसी प्रजातियां है जो किसान को लाभ दिला सकती है। वैसे तो सफेद बैंगन की खेती सिर्फ सर्दियों के मौसम में की जाती है। लेकिन अब पॉलीहाउस के जरिये इसकी खेती करके तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर हम इसकी किस्मो की बात करे तो सफेद बैंगन के लिये ICAR-IARI के वैज्ञानिकों ने 2 नयी किस्में- पूसा हरा बैंगन-1 और पूसा सफेद बैंगन-1 विकसित की हैं। इन प्रजातियों की सबसे खास बात ये है की फैसले अन्य बैगन के तुलना में कम समय में पककर तैयार हो जाती है
कम पानी में भी की जा सकती है सफ़ेद बैगन की खेती

सफ़ेद बैगन की फसल को तैयार करने के लिए सबसे पहले बीजों को ग्रीनहाउस में संरक्षित हॉटबेड़ में दबाकर रखते है। इन बीजो को बुवाई से पहले उपचारित करना चाहिए,जिससे फसल में गंभीर बीमारियों होने की संभावना न रहे। और इसके साथ ही बीजों के अंकुरण तक बीजों को खाद और पानी के जरिये पोषण दिया जाता है और जब पौधा तैयार हो जाता है तो सफेद बैंगन की रोपाई करते है। सफेद बैंगन की खेती के लिये अधिक पानी की जरुरत नहीं होती, इसलिये किसान अगर चाहें तो इस खेती के लिए टपक सिंचाई विधि के माध्यम से सिचाई क्र सकते है।
70-90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है फसल

बैंगन की फसल मात्र 70-90 दिनों में पककर तैयार होती है। सफ़ेद बैंगन की फसल से मिलने वाली उत्पादकता साधारण बैंगन से कहीं अधिक होती है। सफेद बैंगन में काले या गहरे बैगनी बैंगन से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। सफेद बैंगन की खेती बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जैसे राज्यों में भी कई जाती। लेकिन सबसे बड़े पैमाने पर इसकी खेती जम्मू में की जाती है।