Shani Pradosh Vrat 2022: जाने क्यों करते है यह व्रत, शनि प्रदोष पूजा के शुभ मुहूर्त, और व्रत के 5 सटीक उपाय, जो करेंगे मन की इक्छा पूरी प्रदोष का व्रत हर माह की त्रयोदशी के दिन आता है। कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 5 नवंबर 2022 शनिवार के दिन प्रदोष का व्रत प्रारंभ होगा इसलिए इसे शनि प्रदोष कहा जा रहा है। आओ जानते हैं इस दिन के पूजा के शुभ मुहूर्त और 5 सटीक उपाय।
Shani Pradosh Vrat 2022
आइये जानते है क्यों करते है यह व्रत, शनि प्रदोष पूजा के शुभ मुहूर्त, और व्रत के 5 सटीक उपाय, जो करेंगे मन की इक्छा पूरी
शनि प्रदोष पूजा के शुभ मुहूर्त (shani pradosh puja ke Shubh muhurt)
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 5 नवम्बर को शाम 05:06 पर।
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 6 नवम्बर को शाम 04:28 पर।
प्रदोष पूजा मुहूर्त- शाम 05:33 से रात्रि 08:10 तक।
क्यों करते हैं शनि प्रदोष का व्रत
हर प्रदोष के व्रत का उद्देश्य और फल अलग अलग होता है। शनिवार के दिन वाले वाले प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं। इस दिन लोग संतान प्राप्ति की मनोकामना से यह व्रत रखे हैं।
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शनि प्रदोष व्रत के 5 सटीक उपाय (Shani prados vrat ke 5 satik upay)
- शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए प्रदोष काल में शिवजी को काले तिल और बेलपत्र अर्पित करें।
- इस दिन शिव पंचाक्षर मंत्र ओम् नमः शिवाय का जाप करें।
- इस दिन स्टील की एक कटोरी में सरसों का तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखें और उसे शनि मंदिर में रख दें।
- इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी या सरसों के तेल का दीपक जलाकर पीपल की पूजा और परिक्रमा करें।
- इस दिन किसी अंधे, अपंग, सफाईकर्मी या गरीब को भोजन कराएं या उसे कुछ दान करें।
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