कार खरीदते समय ग्राहक को बहुत सी ऐसी जानकारियाँ होती हैं जो कंपनियाँ उनसे छिपा लेती हैं या उन्हें उतना महत्त्व नहीं देतीं। ये जानकारियाँ ग्राहक के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं क्योंकि इनका सीधा असर गाड़ी की उम्र, रखरखाव और पुनः बिक्री मूल्य पर पड़ता है। आइए, ऐसे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नज़र डालते हैं:
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1. वास्तविक ईंधन दक्षता के आंकड़े
कंपनियाँ अक्सर विज्ञापनों में ईंधन दक्षता (माइलेज) के बारे में दावा करती हैं, लेकिन ये आंकड़े आदर्श परिस्थितियों पर आधारित होते हैं। वास्तविकता में, यातायात, सड़क की स्थिति और ड्राइविंग शैली जैसी वास्तविक स्थितियों में माइलेज कम हो सकता है। ग्राहक अक्सर इस हकीकत को समझ नहीं पाते और बाद में उन्हें निराशा होती है।
2. रखरखाव की लागत
कंपनियाँ रखरखाव की लागत के बारे में पूरी जानकारी नहीं देतीं। वे वारंटी और मुफ्त सर्विस की बात करती हैं, लेकिन वास्तव में कुछ पुर्जों को बदलने या मरम्मत करने की लागत काफी अधिक हो सकती है। कार खरीदते समय ग्राहक इन खर्चों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके चलते बाद में उन्हें भारी रखरखाव बिलों का सामना करना पड़ता है।
3. सर्विसिंग और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता
ग्राहकों को इस बात की जानकारी नहीं दी जाती कि सर्विसिंग के लिए स्पेयर पार्ट्स कितनी आसानी से उपलब्ध होंगे। कुछ मॉडलों के स्पेयर पार्ट्स महंगे या दुर्लभ हो सकते हैं, जिससे सर्विसिंग की लागत और समय बढ़ सकता है।
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4. सुरक्षा फीचर्स का वास्तविक महत्व
कंपनियाँ सुरक्षा फीचर्स का खूब प्रचार करती हैं, लेकिन यह नहीं बतातीं कि कौन से फीचर्स वास्तव में आवश्यक हैं और कौन से केवल मार्केटिंग के लिए हैं। उदाहरण के लिए, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और एयरबैग जैसे बुनियादी सुरक्षा फीचर्स अन्य फीचर्स की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
5. वारंटी की वास्तविक शर्तें
कंपनियाँ वारंटी की अवधि पर जोर देती हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं करतीं कि इसके तहत क्या-क्या कवर होता है। अक्सर वारंटी में कई पुर्जों और सर्विसिंग को शामिल नहीं किया जाता, जिसे ग्राहक समझ नहीं पाते और बाद में अनपेक्षित खर्चों का सामना करते हैं।
6. पुनः बिक्री मूल्य
कंपनियाँ इस बात का खुलासा नहीं करतीं कि कुछ मॉडलों का पुनः बिक्री मूल्य अन्य कारों की तुलना में कम हो सकता है। यह जानना ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे जिस कार को खरीद रहे हैं उसका भविष्य में कितना पुनः बिक्री मूल्य होगा, क्योंकि इसका असर उनकी कुल निवेश लागत पर पड़ता है।
7. ऑन-रोड कीमत में छिपे हुए चार्जेस
कंपनियाँ अक्सर केवल एक्स-शोरूम कीमत का हवाला देती हैं, जबकि ऑन-रोड कीमत में कई अन्य चार्जेस शामिल होते हैं, जैसे कि रोड टैक्स, बीमा और अन्य लॉजिस्टिक्स चार्जेस। ये छिपे हुए चार्जेस कार की कुल लागत को काफी बढ़ा सकते हैं।
इन जानकारियों को छिपाने का मुख्य कारण यह है कि कंपनियाँ अपने उत्पाद को अधिक आकर्षक बनाना चाहती हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि ग्राहक कार खरीदने से पहले इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखें और कंपनी से पूरी जानकारी मांगें। इससे उन्हें सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी और भविष्य में किसी भी अनपेक्षित स्थिति का सामना करने से बचा जा सकेगा।