आजकल लोग बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़कर खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. नई तकनीकों को अपनाकर किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन खेती के दौरान बिजली की समस्या भी एक बड़ी चुनौती है. इस समस्या का समाधान हो सकता है सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों से.
सौर पंप लगाने से किसानों को कम लागत में सिंचाई के लिए पानी मिलता है. इतना ही नहीं, सरकार इन पंपों को लगाने पर सब्सिडी भी देती है.
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सौर पंप के फायदे
- समय पर सिंचाई: बिजली की समस्या के चलते कई बार किसान फसलों की सिंचाई समय पर नहीं कर पाते. इससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं.
- डीजल से मुक्ति: डीजल से चलने वाले पंपों में ईंधन का खर्च होता रहता है. लेकिन सौर पंप से सिंचाई करने पर यह खर्च बच जाता है. साथ ही बिजली के बिल से भी मुक्ति मिलती है.
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सरकारी योजनाओं का लाभ
किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है सौर पंप लगाना. सौर पंप लगाने पर सरकार सब्सिडी देती है (सरकारी योजनाएं). सब्सिडी की रकम अलग-अलग हो सकती है, यह खेत की मिट्टी और पंप की क्षमता पर निर्भर करती है.
आप भी सौर पंप लगवाना चाहते हैं तो सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. इनमें से एक योजना है कुसुम योजना. इस योजना के तहत किसानों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है. पंचायतों और सहकारी समितियों के साथ मिलकर कुछ किसानों को ये पंप मुफ्त में भी मिल जाते हैं.
सरकारी लोन की सुविधा
सौर पंप लगाने के लिए सरकार लागत का 30 प्रतिशत तक लोन भी देती है. यानी किसानों को सौर पंप लगवाने में बहुत कम पैसा खर्च करना पड़ता है. इससे किसानों को समय पर सिंचाई की समस्या से राहत मिलती है.
सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए क्या जरूरी है?
अगर कोई किसान सौर पंप लगाने के लिए सरकारी योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसके पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाते की जानकारी आदि शामिल हैं.