एसी की ठंडी हवा त्वचा को रूखा और बेजान बना सकती है, जिससे त्वचा रोग होने की संभावना बढ़ जाती है
एसी में सोने से शरीर का तापमान अचानक कम हो जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम होने का खतरा बढ़ जाता है
एसी चालू करके सोने से नींद के पैटर्न में बाधा आ सकती है और नींद क्वालिटी खराब हो सकती है
एसी में मौजूद धूल के कण सांस के साथ फेफड़ों में चले जाते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
एसी की हवा में सोने की वजह से रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
एसी की ठंडी हवा से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है
एसी की ठंडी हवा मांसपेशियों में दर्द और जकड़न पैदा कर सकती है