करौंदा एक ऐसा फल है जो न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है
इसकी खेती करना काफी आसान है और यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है
करौंदा गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। यह कम पानी में भी जिंदा रह सकता है
करोंदे का पौधा बीजों के माध्यम से तैयार किया जाता है
इसके लिए पके हुए करोंदे के बीज निकालकर नर्सरी में बोए जाते हैं
45 से 50 दिन पुराने पौधों को पॉलीथिन में पैक करके रोपण के लिए तैयार किया जाता है
करोंदे के पौधे जुलाई-अगस्त में लगाए जाते हैं। रोपण के 5-6 साल बाद फल आने शुरू हो जाते हैं
बाजार में इस फल की काफी डिमांड रहती है
एक एकड़ में भी इसकी खेती करने पर 15 से 16 लाख रुपये का मुनाफा हो सकता है