गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बार गेहूं के रेट अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद गेहूं की कीमतों में ऐसी बढ़ोतरी समझ से परे है। अब सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार इस साल OMSS के तहत लगभग 56 लाख टन गेहूं बेचने जा रही है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में, सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 100 लाख टन गेहूं बेचा था।
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हालांकि, इस साल सरकार गेहूं को 2325 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर बेचेगी। जबकि परिवहन, रखरखाव और अन्य खर्चों को मिलाकर इसकी खुद की आर्थिक लागत 3100 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो जाती है। आइए नीचे जानते हैं कि आज गेहूं के रेट में कितना इजाफा देखा गया है।
बढ़ती कीमतें दे सकती हैं झटका
महंगाई हर जगह बढ़ रही है। हर चीज के रेट बढ़ते जा रहे हैं। कभी हरी सब्जियां पहुँच से बाहर हो रही हैं, कभी प्याज और टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, तो कभी गेहूं का आटा महंगा होता जा रहा है। ऐसे में अब आदमी की रोटी भी महंगी हो सकती है। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इससे आटे के रेट में भी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बीच, मिलर्स ने सरकार से गेहूं का स्टॉक जारी करने की मांग की है।
सरकार से स्टॉक जारी करने की मांग
पिछले साल, सरकार ने जुलाई महीने में गेहूं की बिक्री शुरू की थी। लेकिन इस बार अगस्त का महीना भी खत्म होने को है, लेकिन अभी तक गेहूं की बिक्री (वितरण) को लेकर कोई अपडेट जारी नहीं किया जा सका है। ऐसे में आशंका है कि गेहूं और आटे से बने सभी उत्पाद जैसे ब्रेड, मफिन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज महंगे हो सकते हैं। इनके महंगे होने की पूरी संभावना है।Wheat Price Today: गेहूं की बढ़ती कीमते देख लोग हो रहे परेशान, धड़ाधड़ बढ़ रहे गेहूं के रेट
अगस्त में गेहूं की कीमतें उच्चतम स्तर पर
हाल के दिनों में गेहूं के रेट की बात करें तो 29 अगस्त को गेहूं की कीमत लगभग 9 महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त 2024 को गेहूं के आटे की अधिकतम कीमत 64 रुपये प्रति किलोग्राम थी। गेहूं के आटे की औसत कीमत 36 रुपये और न्यूनतम कीमत 28 रुपये प्रति किलोग्राम रही।
दिल्ली में आटे की कीमत 33 रुपये, जम्मू-कश्मीर में 42.5 रुपये, हरियाणा में 32 रुपये और महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलोग्राम थी। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार, आज देश में गेहूं की औसत थोक कीमत 2785 रुपये, गेहूं की अधिकतम कीमत 4650 रुपये और न्यूनतम कीमत 2400 रुपये प्रति क्विंटल थी। वहीं, गेहूं की औसत खुदरा कीमत 31 रुपये, अधिकतम 51 रुपये और न्यूनतम 23 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
पिछले साल से इस साल की स्थिति
गेहूं बिक्री के आंकड़ों की बात करें तो, पिछले साल सरकार ने जून महीने में अपने स्टॉक से गेहूं की बिक्री शुरू की थी (सरकारी गेहूं स्टॉक)। जून 2023 से मार्च 2024 के बीच, स्टॉक से लगभग 100 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड मात्रा बेची गई थी। इससे आटा मिलर्स और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को मुख्य अनाज गेहूं की आपूर्ति किफायती दरों पर मिली। लेकिन अब यह होता हुआ नहीं दिख रहा है।
व्यापारियों की राय और सरकार से अपील
बढ़ते हुए रेट्स पर व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की आपूर्ति हर दिन घटती जा रही है। इस साल की स्थिति पिछले साल से थोड़ी बदतर लग रही है। इसलिए, सरकार को तुरंत अपने स्टाफ से गेहूं की खरीद शुरू करनी चाहिए। अगर सरकार गोदामों से गेहूं का स्टॉक जारी नहीं करती है, तो त्योहार के दौरान कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।